Gorakhpur: ABVP के राष्ट्रीय अधिवेशन के विरोध में NSUI, पुलिस ने छात्र नेता का बाल पकड़कर गाड़ी में ठूंसा
Gorakhpur: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में यूनिवर्सिटी प्रशासन की सहभागिता और बच्चों की पढ़ाई बाधित होने का आरोप लगाने हुए एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी के बाहर जमकर हंगामा किया।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में यूनिवर्सिटी प्रशासन की सहभागिता और बच्चों की पढ़ाई बाधित होने का आरोप लगाने हुए एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी के बाहर जमकर हंगामा किया। छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय हमारे आप का, नहीं किसी के बाप का के साथ कुलपति मुर्दाबाद का नारा लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद पुलिस के साथ छात्रनेताओं की धक्का मुक्की हुई।
एक पुलिस कर्मी ने छात्रनेता आलोक सिंह का बाल पकड़ कर बदसलूकी की। छात्रनेता को जबरिया पुलिस की गाड़ी में ठूस दिया। डीडीयू में एबीवीपी के कार्यक्रम को देखते हुए शिक्षण कार्य बाधित करने पर विश्वविद्यालय प्रदर्शन करने गुरुवार को पहुंच रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं से पुलिस की झड़प हो गई। सीओ कैंट योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में पहुंची पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए एनएसयूआई के कार्यकर्ता योगेश प्रताप सिंह और आलोक सिंह को हिरासत में ले लिया। पुलिस उनको कैंट थाने उठा ले गई। विश्वविद्यालय के सामने एहतियातन पूरे दिन पुलिस बल तैनात रही। पुलिस ने छात्र नेता आलोक सिंह और योगेश सिंह को कैंट थाने में बिठा लिया है।
ABVP के राष्ट्रीय अधिवेशन के भूमि पूजन का निमंत्रण देकर विवादों में फंसी थीं DDU की कुलपति
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 22 से 24 नवम्बर तक चलने वाले 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन के भूमि पूजन समारोह के बाबत गोरखपुर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. पूनम टंडन की तरफ से आमंत्रण को लेकर हंगामा मच गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कुलपति आरएसएस का एजेंडा छात्रों पर थोपना चाहती हैं। राजनीतिक दल से जुड़े संगठन का आमंत्रण देना किसी भी कुलपति के लिए शर्मनाक है। बता दें कि राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर भूमि पूजन 8 नवम्बर को होना था। जिसे लेकर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो शांतनु रस्तोगी ने रात में 11.44 बजे पोस्ट किया। जिसके बाद ट्रोलिंग शुरू हुई तो पोस्ट को रात में ही डिलीट कर दिया गया।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान का कहना है कि गोरखपुर यूनिवर्सिटी की कुलपति एक राजनीतिक दल के छात्र संगठन के कार्यक्रम का निमंत्रण दे रही हैं। जनता के पैसे से स्टेट फंडिंग विश्वविद्यालय के कुलपति का संघ के टूल के रूप में काम करना दुर्भाग्यपूर्ण है। एक राजनीतिक दल को इस प्रकार खुलेआम समर्थन देना कुलपति पद की गरिमा और निष्पक्षता के लिहाज से अत्यंत आपत्तिजनक कृत्य है। जिसकी घोर निंदा की जाती है, यह बहुत ही निंदनीय है। भाजपा सरकार कुलपतियों के माध्यम से विश्वविद्यालय में संघीकरण करने में लगी है, जो शर्मनाक है। कुलपति माफी मांगे। जिला कांग्रेस कमेटी घर निंदा करती है। कांग्रेस इसका सड़क तक विरोध करेगी।