Gorakhpur News: ये हैं गोरखपुर के दानवीर, जिन्होंने शिक्षा के मंदिर के लिए दे दी करोड़ों कीमत की जमीन

Gorakhpur News: टेक्निकल यूनिवर्सिटी के लिए जमीन जहां सुरेन्द्र मजीठिया और उनके परिवार ने दी थी तो गोरखपुर यूनिवर्सिटी गोरक्षपीठ के महंत दिग्विजयनाथ के महादान के चलते ही वजूद में है।

Update: 2024-09-05 02:00 GMT

Gorakhpur News ( Pic- Newstrack)

Gorakhpur News:  जमीन के छोटे से टुकड़े के लिए भले ही अपनों का खून बहाने से लोग संकोच नहीं कर रहे हैं, लेकिन गोरखपुर के दानवीरों ने शिक्षा, सेहत के लिए अपनी करोड़ों कीमत की जमीन चंद मिनटों में सरकार को ट्रांसफर कर दी। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर यूनिवर्सिटी हो या फिर मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी दोनों दान की जमीन पर ही खड़ी हैं। टेक्निकल यूनिवर्सिटी के लिए जमीन जहां सुरेन्द्र मजीठिया और उनके परिवार ने दी थी तो गोरखपुर यूनिवर्सिटी गोरक्षपीठ के महंत दिग्विजयनाथ के महादान के चलते ही वजूद में है।


आजादी के बाद गोरखपुर यूनिवर्सिटी की स्थापना को लेकर कोशिशें शुरू हुईं तो 50 लाख रुपये की सम्पत्ति के मानक के साथ महाविद्यालय की शर्त बाधा बनती दिखी। विश्वविद्यालय स्थापना को लेकर गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ ने दो कॉलेज के साथ इसकी पूरी संपत्ति यूनिवर्सिटी के मानक को पूरा करने के लिए दे दी। वर्तमान में महिला छात्रावास और कामर्स विभाग में ही तब महाराणा प्रताप महिला महाविद्यालय और महाराणा प्रताप महाविद्यालय संचालित होता था।


गोरखपुर विश्वविद्यालय के भवन निर्माण का खर्च सुरेन्द्र सिंह मजीठिया और दलीप सिंह मजीठिया ने वहन किया। गोरखपुर में तकनीकी संस्थान खोलने के लिए जमीन की अड़चन दिखी तो मजीठिया परिवार ने 1970 में अपनी 317 एकड़ जमीन दान में दे दी। वर्तमान में वहीं मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विवि स्थापित है। कुशीनगर का बुद्ध पीजी कॉलेज, बुद्ध इंटर कॉलेज, लेडी प्रसन्न कौर इंटर कॉलेज में विज्ञान भवन का निर्माण मजीठिया परिवार ने ही किया।

अस्पताल के लिए दे दी दो एकड़ जमीन

स्वर्गीय बृजमोहन सहाय उर्फ मुग्गन बाबू ने पार्क रोड स्थित सीतापुर आई अस्पताल के लिए दो एकड़ जमीन दान दी थी। उन्हीं ने बक्शीपुर में चित्रगुप्त मंदिर के लिए भी जमीन दान दी थी। बैंक रोड पर करीब सात एकड़ में संचालित अयोध्या दास राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की जमीन ही नहीं पूरी बिल्डिंग को अयोध्या दास ने सरकार को संचालित करने के लिए दिया था। प्रसिद्ध साहित्यकार रवीन्द्र श्रीवास्तव उर्फ जुगानी काका बताते हैं कि स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहे रामगरीब लाल ने स्टेट बैंक से लेकर कॉलेज के लिए जमीन दान दी थी।

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