Gorakhpur News: पति की हिंसा से निपटने को बनी ‘चुड़ैल’, सबक वाली एक्टिंग पड़ गई भारी, अब इस हालात में पत्नी

Gorakhpur News: यह दंपती गोपालगंज का रहने वाला है। पति रेलवे में लोको पायलट है। उसके विवाह को पांच वर्ष हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, शादी के बाद से ही पति अक्सर पत्नी से मारपीट करता था।

Update:2024-11-06 07:44 IST

पति की हिंसा से निपटने को बनी ‘चुड़ैल’  (photo: social media )

Gorakhpur News: पति-पत्नी के संबंध बिगड़ने का अंजाम कहा तक पहुंच सकता है, इसे बिहार के गोपालगंज के एक परिवार को देखकर समझा जा सकता है। पति की हिंसा से निपटने के लिए पत्नी ने चुड़ैल का नाटक किया। पति सहमा, कुछ स्थितियां भी सुधरीं, लेकिन अब पत्नी चुड़ैल की ही भूमिका में रहने लगी है। उसका इलाज गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। चिकित्सक उसकी कई बार काउंसलिंग कर चुके हैं।

यह दंपती गोपालगंज का रहने वाला है। पति रेलवे में लोको पायलट है। उसके विवाह को पांच वर्ष हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, शादी के बाद से ही पति अक्सर पत्नी से मारपीट करता था। ससुराल वाले भी महिला की मदद नहीं कर रहे थे। इससे परिवार में उसकी स्थिति बदतर होती जा रही थी। मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग के विभागाध्यक्ष डॉ तपस आइच ने बताया कि यह मानसिक रोग है। इसे पोजेजन सिंड्रोम कहते हैं। काउंसलिंग के दौरान पता चला कि महिला को सिर पर भूत सवार होने का आईडिया किसी सीरियल को देखकर आया था। कुछ दिन तो उसने नाटक किया। फिर नाटक को ही उसने जीवन में ढाल लिया। ग्रामीण परिवेश में मिलते हैं ज्यादा मामले डॉ. तपस आइच ने बताया कि घरेलू हिंसा से बचने के लिए महिला घर में अजीब हरकतें करने लगी। धीरे-धीरे यह उसकी आदत में शुमार हो गया। ऐसे मामले ग्रामीण परिवेश में ज्यादा मिलते हैं।

टीवी सीरियल देखकर सूझा आइडिया

महिला को चुड़ैल बनने का आइडिया एक साल पहले सूझा। पहले तो उसने सब कुछ नाटक में किया। लेकिन बाद में उसकी दिनचर्या आम जिंदगी पर भारी पड़ गई। रोजाना पति के ऑफिस से आने के बाद उसके सिर पर भूत सवार हो जाता। वह अजीब हरकतें करने लगती। इस दौरान उसने दो बार पति पर हमला भी किया। परेशान पति उसका इलाज कराने के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचा। जहां मानसिक रोग विशेषज्ञों ने जब महिला की काउंसलिंग की, तो उन्हें माजरा समझ में आया। इसके बाद मनोरोग चिकित्सकों ने महिला के साथ उसके पति की भी काउंसलिंग की। मानसिक रोग विभाग में इलाज से महिला के हालात में काफी सुधार है। डॉ. आइच ने बताया कि दो राउंड काउंसलिंग के बाद यह समझ में आने लगा कि महिला ने इसकी शुरुआत ड्रामे से की। बाद में यह उसके आदत में आ गया। इस मामले में महिला के साथ ही उसके पति की भी काउंसलिंग की गई। उन्हें व्यवहार सुधारने की हिदायत दी गई। अब दंपती को कोई दिक्कत नहीं है। महिला का इलाज चल रहा है। उसकी दवा की डोज काफी कम हो गई है।

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