UP News: जीपीएफ में सालाना 5 लाख से ज्यादा नही जमा कर पाएंगे कर्मचारी, नियमावली में होगा जल्द संशोधन

UP News: अब जल्द जीपीएफ में अधिकतम वार्षिक निवेश पर उत्तर प्रदेश राज्य सरकार लिमिट लगाने जा रही है। जिस लिमिट के बाद जीपीएफ खाता धारक एक वर्ष में पांच लाख रुपये से अधिक जमा नहीं कर पाएंगे।

Report :  Prashant Dixit
Update: 2023-01-12 05:08 GMT

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (सोशल मीडिया)

UP News: जीपीएफ (जनरल प्रोविडेंट फंड) योजना पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) एक जैसी स्कीम है। अब जल्द जीपीएफ में अधिकतम वार्षिक निवेश पर राज्य सरकार लिमिट लगाने जा रही है। जीपीएफ खाता धारक एक वर्ष में पांच लाख रुपये से अधिक जमा नहीं कर पाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार समान्य भविष्य निधि नियमावली में संशोधन करने वाली है। इस को जल्द ही यूपी सरकार की कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।

राज्य सरकार करेंगी नियमावली में संशोधन

केन्द्र सरकार की पीपीएफ और एफपीएफ पर पहले से ही इस तरह की सीमा लागू है। यूपी सरकार के जीपीएफ नियमावली में संशोधन के बाद अधिकतम 5 लाख रुपये का वार्षिक निवेश कर सकते हैं। इससे पहले सरकार ने जीपीएफ से मिलने वाले 5 लाख रुपये से अधिक के ब्याज को टैक्स के दायरे में भी रखा था। यूपी में एक अप्रैल 2005 से पहले के सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू है। सभी कर्मचारियों को अपने वेतन का 10% हर माह में जीपीएफ में कतवाना पड़ता है। जबकि उसके अधिकतम काटने की कोई सीमा नही है।

जीपीएफ की पूरी डिटेल्स जानकारी

यह योजना केवल केंद्र और राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए है। पीपीएफ की तरह ही सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का एक तय हिस्सा इसमें जमा करते हैं। सरकारी कर्मचारियों को अपने वेतन का न्यूनतम 10 फीसदी हिस्सा इस योजना में जमा कराना होता है। जबकि यह पैसा रिटायरमेंट के समय खाताधारक को लौटाया जाता है। जीपीएफ में जमा पैसे पर खाताधारक को ब्याज भी मिलता है। जीपीएफ पर सरकार खाताधारकों को फिलहाल अभी 7.1 फीसदी का ब्याज दे रही है। इसे पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक मंत्रालय, लोक शिकायत और पेंशन के अंतर्गत मैनेज किया जाता है।

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