यूपी में लॉकडाउन खोलने की तैयारी, सरकार ने बनाई ये बड़ी योजना
प्रशासन की मंशा दो स्तरीय रणनीति तैयार करने की है। पहली ये कि मौजूदा व्यवस्था में गतिरोध आए बगैर लॉकडाउन के खत्म होने के बाद धीरे धीरे जनजीवन को बहाल किया जाए
लखनऊः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुख्यमंत्रियों से की गई बातचीत के बाद उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन खोलने से उत्पन्न होने वाली स्थितियों की समीक्षा शुरू हो गई है। प्रशासन की मंशा ये है कि लॉकडाउन खुलने पर कोई अफरातफरी न मचे। सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्ययोजना पर अधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति तैयार कर रहे हैं। प्रशासन के लिए स्कूल, कॉलेज, बाजार और मॉल खुलवाना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए लोगों को सुरक्षित लोगों को घरों तक शांतिपूर्ण ढंग से पहुंचाना भी चुनौती है।
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अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे मुख्यमंत्री बार बार दोहरा रहे हैं कि हर जरूरतमंद तक समय से भोजन पहुंचाना सुनिश्चित करें। इस संबंध में स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद लेने को भी कहा जा रहा है।
दो स्तरीय रणनीति
प्रशासन की मंशा दो स्तरीय रणनीति तैयार करने की है। पहली ये कि मौजूदा व्यवस्था में गतिरोध आए बगैर लॉकडाउन के खत्म होने के बाद धीरे धीरे जनजीवन को बहाल किया जाए।
सरकार भविष्य की तैयारियों को लेकर एनएसएस, एनसीसी, स्काउट्स और युवक मंगल दल के स्वयंसेवकों का भी सहयोग लेने का मन बना रहा है। प्रशासन का मानना है कि कोरोना के संक्रमण को रोकने और संक्रमण के दौरान क्या करना है, इस संबंध में स्वयंसेवकों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
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इसके अलावा चिकत्सकों की सूची भी तैयार की जा रही है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखते हुए मरीजों का उपचार हो सके। इसमें निजी क्षेत्र से डॉक्टर्स की मदद भी ली जा सकती है। जरूरत पड़ने पर निजी चिकित्सालयों के बेड और वेंटीलेटर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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सरकार यह भी चाहती है कि मास्क का उत्पादन प्रदेश में ही कराया जाए। इससे मास्क सस्ते तो होंगे ही उनकी उपलब्धता भी बढ़े जाएगी। ऐसे सुझाव आए हैं कि खादी के कपड़े से ऐसा मास्क धोकर दोबारा उपयोग में लाए जा सकेंगे।