प्रयागराज व झांसी में पूल टेस्टिंग सुविधा देगी सरकार, मंडलों में टेस्टिंग लैब

कोरोना से संक्रमित मरीजों में 0-20 आयु वर्ग के 19.51 प्रतिशत, 21-40 आयु वर्ग के 47.49 प्रतिशत, 41-60 आयु वर्ग के 24.66 प्रतिशत तथा 60 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के 8.34 प्रतिशत लोग हैं। 

Update:2020-04-23 12:43 IST
कोरोना टेस्टिंग

लखनऊ। शीघ्र ही प्रयागराज एवं झांसी मेडिकल काॅलेज में भी पूल टेस्टिंग का कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। टेस्टिंग लैब की क्षमता को तेजी से बढ़ाये जाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर एक टेस्टिंग लैब स्थापित की जाए जिससे अधिक संख्या में टेस्टिंग सम्भव हो सके।

क्या होता है पूल टेस्टिंग

पूल टेस्टिंग में एक साथ पांच लोगों के नाक और गले के स्वैब लिए जाते हैं, फिर उनको मिक्स कर सैंपल बनाया जाता है। फिर इस सैंपल की जांच होती है, इससे पता चल जाता है कि सैंपल में कोरोना वायरस निगेटिव या पॉजिटिव। अगर नतीजा निगेटिव आता है तो पांचों व्यक्तियों को संक्रमण मुक्त माना जाता है। अगर पॉजिटिव आता है तो फिर बारी-बारी से पांचों व्यक्ति का कोरोना टेस्ट किया जाता है। इससे किट और लैब संबंधी आने वाली समस्या दूर हो जाएगी। इसके साथ ही कोरोना टेस्ट में तेज़ी भी आएगी।

अलीगढ़, सहारनपुर तथा मुरादाबाद संक्रमण की दृष्टि से संवेदनशील हैं। इसलिए इनके मण्डलीय चिकित्सालय में टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएगी। जांच कार्य में तेजी लाने के लिए अधिक से अधिक मेडिकल टेक्नीशियनों की ट्रेनिंग कराई जाएगी। जांच प्रयोगशालाओं के उपकरणों को दुरुस्त रखा जाएगा।

संक्रमण फैलाने वाले अस्पताल होंगे सील

मुख्यमंत्री ने सभी पेन्डिंग सेम्पल की शीघ्र जांच कराने तथा संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी मानकों व दिशा-निर्देशों का पालन न कर मेडिकल इन्फेक्शन फैलाने वाले निजी चिकित्सालयों को सील कर कार्यवाही की जाये। निजी अस्पतालों तथा मेडिकल काॅलेजों द्वारा संक्रमण से सुरक्षा के लिए अपनायी जा रही व्यवस्था का पर्यवेक्षण प्रदेश सरकार के एक मेडिकल ऑफिसर द्वारा कराया जाये।

ऑक्सीजन की उपलब्धता पर जोर

प्रत्येक आइसोलेशन बेड पर रोगी के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होने चाहिए। प्रत्येक 10 बेड पर वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। एल-1, एल-2 तथा एल-3 श्रेणी के अस्पतालों में चिकित्सा उपकरणों व अन्य संसाधनों की व्यवस्था तथा टेस्टिंग लैब की स्थापना के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री का पीड़ित सहायता कोष-कोविड केयर फण्ड’ बनाया गया है। फण्ड में उपलब्ध धनराशि से चिकित्सा उपकरण आदि की व्यवस्था प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए।

10 जनपद कोरोना शून्य

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 10 जनपद कोरोना संक्रमण शून्य हो गये हैं। प्रदेश के 53 जिलों से अब तक 1,412 कोरोना पाॅजिटिव के मामले सामने आए हैं, जिसमें से 43 जनपदों में 1,226 मामले एक्टिव हैं। अब तक 165 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं।

अब तक 37,490 लोगों के सैम्पल टेस्ट किये गये जिसमें से 36,078 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्होंने बताया कि लखनऊ के केजीएमयू के बाद अब मेरठ एवं इटावा मेडिकल काॅलेज में भी पूल टेस्टिंग का कार्य प्रारम्भ हो गया है। कल लखनऊ में 200, मेरठ में 200 व इटावा में 180 सैम्पल की पूल टेस्टिंग की गई।

उन्होंने बताया कि कोरोना से संक्रमित मरीजों में 0-20 आयु वर्ग के 19.51 प्रतिशत, 21-40 आयु वर्ग के 47.49 प्रतिशत, 41-60 आयु वर्ग के 24.66 प्रतिशत तथा 60 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के 8.34 प्रतिशत लोग हैं।

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