लखनऊ: बसपा सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी पर अब मुकदमा चलेगा। त्रिपाठी की विजिलेंस जांच में उनके पास आय से अधिक सम्पत्ति पाई गई थी। इसके बाद इन पर अभियोजन चलाने की मंजूरी के लिए फाइल राज्य सरकार के पास पेंडिंग थी। इस फाइल को अब राज्य सरकार ने अपनी संस्तुति देकर आगे बढ़ा दिया। राज्यपाल रामनाईक ने भी इस पर अपनी मंजूरी दे दी है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कोर्ट में चलेगा केस
-राज्यपाल की मंजूरी के बाद राकेशधर त्रिपाठी पर अब भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कोर्ट में केस चलेगा।
-मायावती सरकार में 13 मई 2007 से 5 अक्टूबर 2011 तक राकेशधर त्रिपाठी उच्च शिक्षा मंत्री थे।
-सतर्कता की जांच में श्री त्रिपाठी की वैध आय के श्रोतों से कुल आय 45,82,215 रूपये पाई गई थी।
-जबकि उनकी परिसम्पत्तियांऔर व्यय 1,81,20,566 रुपए पाए जाने की पुष्टि हुई।
-इस तरह विवेचना में आय से 1,35,38,351 रुपए अधिक पाए गए।
क्या था पूरा मामला?
-यूपी के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ जून 2013 में इलाहाबाद के मुट्ठीगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
-सपा सरकार की अनुमति के बाद यह रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
-जांच करीब डेढ़ साल तक चली, इसमें प्राथमिक तौर पर पाया गया कि राकेशधर त्रिपाठी ने अपनी आय से अधिक व्यय किया है।
-2007 से 2011 की अवधि तक त्रिपाठी की कुल आय 49.49 लाख रुपए हुई जबकि उन्होंने 2.67 करोड़ रुपए व्यय किए।
-जांच के दौरान पद पर रहते हुए उसका दुरुपयोग कर आय अर्जित करने के भी मामले सामने आए हैं।