यूपी में बढ़ा महिलाओं से अपराध, राज्यपाल औरतों की सुरक्षा को लेकर चिंतित

इस नीति में भारतीय विचारधारा का समावेश है तथा बालिकाओं की शिक्षा में आने वाली समस्याओं का भी ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को एहसास दिलाना होगा कि वे कितनी साहसी हैं तथा वे हर क्षेत्र में सफल हो सकती हैं। 

Update:2020-09-26 19:44 IST
बालिकाओं की शिक्षा में आने वाली समस्याओं का भी ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को एहसास दिलाना होगा कि वे कितनी साहसी हैं तथा वे हर क्षेत्र में सफल हो सकती हैं। 

लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्राथमिक शिक्षा, आंगनबाड़ी एवं उच्च शिक्षा में महिलाओं को विशेष स्थान दिया गया है। इस नीति में भारतीय विचारधारा का समावेश है तथा बालिकाओं की शिक्षा में आने वाली समस्याओं का भी ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को एहसास दिलाना होगा कि वे कितनी साहसी हैं तथा वे हर क्षेत्र में सफल हो सकती हैं।

 

भारतीय विचारधारा में महिला चिन्तन

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने आज राजभवन लखनऊ से दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र, पुणे के तत्वावधान में आयोजित ‘भारतीय विचारधारा में महिला चिन्तन’ व्याख्यानमाला का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता रहा है। भारतीय समाज के विकास में अनेक विदुषी नारियों का अविस्मरणीय योगदान रहा है। भारतीय संविधान में भी महिलाओं को समानता का अधिकार दिया गया है।

 

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समाज के लिए चिन्तनीय विषय

उन्होंने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध पर चिन्ता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह सभ्य समाज के लिये उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या और दहेज हत्या जैसे मामले समाज के लिए चिन्तनीय विषय हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को महिलाओं के सम्मान और उनकी सुरक्षा के लिये उचित कदम उठना होगा। महिला सशक्तिकरण देश की प्रगति के लिए आवश्यक है। महिलाएं शक्तिशाली बनती हैं तो वे अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें और देश के विकास में अपना योगदान दें।

 

 

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विकास की मुख्यधारा से वंचित

 

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज हमें उन ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, जो किन्हीं परिस्थितियों में विकास की मुख्यधारा से वंचित रही हैं और वे अपने अधिकारों के बारे में भी नहीं जानती। उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाओं को केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा उनके कल्याण के लिये चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी से अवगत कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की पहल पर सितम्बर माह को ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ के रूप में मनाया जा रहा है।

इस अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद्मश्री निवेदिता भिडे़, दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र, पुणे की सचिव अंजली देशपाण्डे, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय छात्रा प्रमुख ममता यादव सहित अन्य लोग ऑनलाइन जुड़े हुए थे।

रिपोर्टर श्रीधर अग्निहोत्री

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