अनशन पर बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तबीयत बिगड़ी, ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की पूजा पर अड़े
UP Latest News : ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Masjid) में मिले शिवलिंग की पूजा करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तबीयत बिगड़ गई है।
Gyanvapi Masjid Case : काशी के ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Swami Avimukteshwarananda Saraswati) का अनशन जारी है। शनिवार से अन्न-जल का त्याग कर देने के कारण स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तबीयत बिगड़ गई है। वजन घटने के साथ ही उनका शुगर लेवल भी घट गया है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद केदार घाट स्थित श्री विद्या मठ में अनशन पर बैठे हुए हैं।
उन्होंने पुलिस के रवैए पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि शिवलिंग की पूजा करना उनका अधिकार है मगर पुलिस और प्रशासन की ओर से उन्हें रोका जा रहा है। श्री विद्या मठ को पुलिस ने घेर रखा है। पुलिस की ओर से मठ में आने जाने वाले लोगों पर निगाह रखी जा रही है। दूसरी ओर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए काफी लोग मठ में पहुंच रहे हैं।
दो दिन में वजन तीन किलो घटा
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। अन्न-जल का परित्याग कर देने के कारण पिछले 24 घंटे के दौरान उनका वजन करीब तीन किलो घटा है। शुगर लेवल भी 144-133 पर बना हुआ है। भीषण गर्मी में अन्न-जल का त्याग करने से उनके स्वास्थ्य पर काफी प्रतिकूल असर दिख रहा है।
डॉक्टरों की ओर से स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के स्वास्थ्य की नियमित जांच पड़ताल की जा रही है। स्वामी जी श्री विद्या मठ के गेट पर ही आसन लगाकर बैठे हुए हैं। उनके अनशन की खबर पाकर काफी संख्या में लोग उनसे मिलने के लिए भी पहुंचने लगे हैं। श्री विद्या मठ के गेट पर पुलिस फोर्स डर्टी हुई है। मठ में आने जाने वाले लोगों का नाम-पता भी नोट किया जा रहा है। श्री विद्या मठ की ओर से पुलिस के इस रवैए पर गहरी आपत्ति जताई गई है। रविवार को भी इसे लेकर मठ के लोगों और पुलिस कर्मियों के बीच काफी देर तक नोक-झोंक होती रही।
पुलिस के रवैए पर जताई नाराजगी
पुलिस के रवैए पर नाराजगी जताते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि मुझे मठ के अंदर बंदी बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने कभी यह बात नहीं कही है कि किसी के घर में बिना अनुमति घुसकर उसे बाहर निकलने से रोक दिया जाए। न्यायपालिका को ढाल बनाकर न तो किसी को मठ के अंदर आने दिया जा रहा है और न मुझे बाहर जाने दिया जा रहा है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि न्यायपालिका भी लोक इच्छा के अनुसार ही फैसला करती है और सब लोगों की इच्छा यही है कि शिवलिंग की पूजा की जानी चाहिए। ज्ञानवापी परिसर में जहां तक लोगों को जाने की अनुमति है, कम से कम वहां तक हमें जाने दिया जाना चाहिए ताकि हम शिवलिंग को भोग प्रसाद चढ़ा सकें। जिस दिन से ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग दिखा है, कम से कम उस दिन से उसका जलाभिषेक किया जाना चाहिए था।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दाखिल की याचिका
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से जिला जज की अदालत में श्री आदि विश्वेश्वर की पूजा पाठ और भोग की अनुमति के संबंध में एक याचिका भी दाखिल की गई है। इस याचिका पर आज सुनवाई होने वाली है। जिला जज की अदालत में अवकाश के चलते वेकेशन जज से इस मामले की सुनवाई कराने की मांग की गई है। अपनी याचिका में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि श्री आदि विश्वेश्वर के पूजन-अर्चन को प्रतिवादियों की ओर से रोक दिया गया है। उन्होंने पूजन अर्चन की अनुमति देने की मांग की है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के अनशन के कारण काशी में यह मामला लगातार गरमाता जा रहा है।