Hamirpur News: हर साल करीब 5 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1.5 लाख लोग गंवाते हैं जान, ओवरस्पीडिंग है मुख्य वजह

Hamirpur News: सड़क सुरक्षा को लेकर वेबिनार एवं ऑडियो-विजुअल प्रेजेंटेशन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि भारतीयों की आदत में ट्रैफिक रूल्स तोड़ना शुमार हो गया है। जो हादसों की एक अहम कारण है।

Update: 2023-05-21 20:55 GMT
हर साल करीब 5 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1.5 लाख लोग गंवाते हैं जान: Photo- Newstrack

Hamirpur News: सातवें सयुंक्त राष्ट्र वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह 15-21 मई 2023 के तहत यातायात नियमों के पालन को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान बढ़ते सड़क हादसों पर गहरी चिंता जताई गई और इनकी वजहों पर मंथन किया गया।

सड़क सुरक्षा के प्रति किया जागरूक

सेंट क्लेयर्स कॉन्वेंट स्कूल मसूरी, सनातन धर्म इंटर कॉलेज बन्नू रेस कोर्स देहरादून, निर्मला इंटर कॉलेज, बार्लोगंज मसूरी, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला देहरादून, संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार में द्वारा संयुक्त रूप जन-जागरुकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञों ने सड़क हादसों की मुख्य वजह लापरवाही से वाहन चलाना और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना आदत में शुमार हो जाना बताया। कार्यक्रमों की श्रृंखला में उत्तरांचल प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।

जिसमें बताया गया कि इस पूरे सप्ताह पद्म श्री से सम्मानित वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डॉ. बीकेएस संजय एवं इंडिया एवं इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय द्वारा वेबिनार एवं ऑडियो-विजुअल प्रेजेंटेशन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। जिसमें स्कूलों एवं विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं, अध्यापक-अध्यापिकाओं एवं उनके सह-कर्मचारियों एवं जन समूह को सड़क सुरक्षा के बारे में बताया गया। गौरतलब है कि डॉ. संजय को सामाजिक एवं चिकित्सीय कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा 2021 में पद्म श्री से अलंकृत किया जा चुका है।

वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग बन रहा जानलेवा

ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय ने बताया कि हर साल लगभग अपने देश में 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं घटती हैं, जिनमें लगभग 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है और अच्छे इलाज के बावजूद भी लगभग इतने ही लोग विकलांग हो जाते हैं। सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं ओवरस्पीडिंग, ओवरटेकिंग, ओवरलोडिंग। इसके कारण आज वाहन चलाते समय मोबाइल के प्रयोग करने पर सड़क दुर्घटना की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है और ऐसे में यदि दुर्घटना घटती है तो 40 प्रतिशत लोगों की मौत भी हो जाती है।

दुर्घटनाएं इतनी ही देर में हो जाती हैं, जितनी देर में आप अपनी जेब से फोन को निकालते हैं, फोन नंबर देखते हैं या मैसेज पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि हम सबका अनुभव है कि दुर्घटनाएं सेकेंड्स में होती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यदि चौपहिया वाहन चालक यदि सीट बैल्ट नहीं लगाते हैं तो दुर्घटनाओं से होने वाले खतरों की संभावना 70 प्रतिशत बढ़ जाती है। इसलिए वाहन चलाते समय चौपहिया वाहन के चालकों को सीट बेल्ट का एवं दुपाहिया वाहनों के चालकों को हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए। डॉ. गौरव संजय ने सड़क सुरक्षा के दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कोई भी सड़क दुर्घटना होने पर हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

सड़क दुर्घटनाओं ने महामारी जैसा रूप धारण कर लिया

पद्म श्री डॉ. बी. के. एस. संजय ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं ने महामारी का रुप धारण कर लिया है, जिसके मुख्य कारण हैं ओवरस्पीडिंग, ओवरटेकिंग, नींद का अभाव, नशे का प्रभाव। सड़कों पर ओवरस्पीडिंग, ओवरटेकिंग में मोबाइल का प्रयोग आग में घी का काम कर रहा है जो एक व्यवहारिक समस्या है। पद्मश्री डॉ. संजय ने बताया कि वाहन की जितनी ज्यादा गति होती है उतनी ज्यादा क्षति होती है। दुर्घटना के बाद गरीब आदमी और गरीब हो जाता है। आर्थिक समस्या के अलावा व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामाजिक समस्याऐं भी आ जाती हैं। उन्होंने ऐसी कई घटनाओं को बताया कि शादी से पहले ही बहुत सी महिलाएं विधवा हो जाती हैं और ऐसे बहुत से नौजवान लोग हैं, जिनका भविष्य ही बदल जाता है। बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाएं अपने देश में विकलांगता का मुख्य कारण हैं।

सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए जनआंदोलन की जरूरत

पद्मश्री डॉ. संजय ने इस प्रेस वार्ता के माध्यम से लोगों से कहा कि वह इस महामारी को कम करने में अपना योगदान दें क्योंकि सड़क दुर्घटनाएं अपने देश के विकास में रोड़े का काम कर रही है। डॉ. संजय मानते हैं कि हम सब मिलकर यदि दुर्घटनाओं को कम कर सकते हैं और राष्ट्र निर्माण में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए एक जन आंदोलन की आवश्यकता है। डॉ. संजय ने स्कूल के छात्रों, अध्यापकों एवं कर्मचारियों और जन-समूह को जनहित में यातायात के नियमों को सीखने और उनका पालन करने की शपथ दिलाई।

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