Hapur News: शर्मनाक: मजदूर महिला ने किया हम बिस्तर होने से इंकार, सचिव ने छीन लिया रोजगार
Hapur News: ग्राम सचिव ने धमकी दी है कि बिस्तर पर साथ आने से पहले काम नहीं मिलेगा। पीड़िता ने इसकी शिकायत लोकपाल मनरेगा से की है। टीम नें गांव में पहुंचकर पीड़िता और उसके साथी मजदूर के बयान दर्ज किए।
Hapur News: उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ की देहात थाना क्षेत्र में ग्राम सचिव ने एक महिला मजदूर को रोजगार देने के लिए हम बिस्तर होने की शर्त रखी। शाम को काल करके उसको एकांत में बुलाया और कार में खींचकर अपने कमरे पर ले जाने का प्रयास किया। विरोध करने पर महिला कामगार को चांटा मारा और जमकर अभद्रता की। उसको छह महीने से काम नहीं दिया जा रहा है। इससे मजदूर महिला का परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। ग्राम सचिव ने धमकी दी है कि बिस्तर पर साथ आने से पहले काम नहीं मिलेगा। पीड़िता ने इसकी शिकायत लोकपाल मनरेगा से की है। टीम नें गांव में पहुंचकर पीड़िता और उसके साथी मजदूर के बयान दर्ज किए। अब ग्राम सचिव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी है।
यह लगाए पीड़िता नें आरोप
क्षेत्र के एक गांव पर जितेंद्र कसाना ग्राम सचिव हैं। गांव की अनुसूचित वर्ग की महिला ने उनकी शिकायत लोकपाल मनरेगा की थी। महिला का आरोप है कि वह निर्धन है और मनरेगा कामगार है। मनरेगा से मिलने वाले परिश्रमिक से उनके परिवार का भरण-पोषण होता है। ग्राम सचिव जितेंद्र कसाना उन पर बुरी नजर रखता है। उसने पीड़िता के साथ छेड़छाड़ की और उस पर हम-बिस्तर होने के लिए दबाव बनाया। इस पर महिला ने साफ इंकार कर दिया और इस तरह की हरकत नहीं करने की विनती की। उसके बाद आरोपी ने एक दिन शाम को महिला को एकांत में बुलाया। उसको अपनी कार में खींचकर कमरे पर ले जाने का प्रयास किया। विरोध करने पर उसको थप्पड़ मारे और जमकर अभद्रता की। महिला को चेतावनी दी कि जब तक वह बात नहीं मानेगी, तब तक काम नहीं दिया जाएगा। आरोपी ने छह महीने से महिला को काम नहीं दिया है। जबकि प्राथमिकता के आधार पर अनुसूचित वर्ग और महिलाओं को मनरेगा में काम दिया जाना आवश्यक है।
रोजगार के दर दर भटक रही है मजदूर महिला
पीड़िता ने बताया कि उसने कई बार रोजगार देने का आग्रह किया और अपने परिवार की स्थिति का हवाला दिया। उस पर आरोपी ने जाब कार्ड छीनकर रख लिया और स्पष्ट बोल दिया कि जिस दिन हमारी शर्त स्वीकार हो आ जाना, काम मिल जाएगा। उससे पहले कोई काम नहीं दिला सकता है। इस पर पीड़िता ने लोकपाल मनरेगा से शिकायत की है। लोकपाल ने आरोपित ग्राम सचिव जितेंद्र कसाना से बातचीत की, लेकिन उसने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। लोकपाल की टीम गांव में पहुंची, लेकिन आरोपी ग्राम सचिव नहीं आया। गांव में पीड़िता, गांव के जिम्मेदार लोगों, महिला के परिवार के आसपास रहने वालों और आरोपी ग्राम सचिव के निर्देशन में काम करने वाली अन्य कामगार महिलाओं के बयान दर्ज किए।
क्या बोली अधिकारी?
ग्राम सचिव लोकपाल-मनरेगा अनुराधा वर्मा नें बताया कि,हमारी टीम ने गांव में पहुंचकर बयान दर्ज किए। प्रारंभिक जांच में ही आरोपी ग्राम सचिव जितेंद्र कसाना दोषी प्रतीत हो रहा है। उसके खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। उसको उच्चाधिकारियों के साथ ही शासन को भेजा जा रहा है। वहीं रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा जा रहा है।