Hapur News: गर्मी आते ही बढ़ गई पानी की खपत, 'पानी मिलेगा कम, थोड़ा -थोड़ा पीये'
Hapur News: गर्मी दस्तक देने लगी है। तापमान बढ़ने के साथ ही पेयजल की मांग भी बढ़ेगी। गर्मी में पानी की जरूरत बढ़ जाती है। वहीं बिजली कटौती बढ़ने और वोल्टेज की समस्या के चलते संसाधनों की क्षमता प्रभावित होती है।;

गर्मी आते ही बढ़ गई पानी की खपत (social media)
Hapur News: गर्मी दस्तक देने लगी है। तापमान बढ़ने के साथ ही पेयजल की मांग भी बढ़ेगी। गर्मी में पानी की जरूरत बढ़ जाती है। वहीं बिजली कटौती बढ़ने और वोल्टेज की समस्या के चलते संसाधनों की क्षमता प्रभावित होती है। इसके चलते हर साल शहर में पानी को लेकर मारामारी मचती है। पिछले साल कई कालोनियों में पेयजल की सुचारू सप्लाई नहीं मिलने से जमकर हंगामा हुआ था। तब पालिका के अधिकारियों ने दावा किया था कि संसाधनों को सशक्त किया जा रहा है, जिससे जल्द ही पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति हो सकेगी। अब एक साल बाद भी स्थिति जस की तस है। शहर के लोग पेयजल किल्लत के उसी पायदान पर खड़े हैं, जहां पर पिछले साल थे। एक साल में अधिकारी अपने संसाधनों को जरूरत के सापेक्ष तैयार नहीं कर सके। ऐसे में पेयजल को लेकर हाहाकार मचना तय है।
शहर की इतनी आबादी
शहर की आबादी आन रिकार्ड चार लाख के आसपास है, जबकि वास्तविकता इससे कहीं ज्यादा है। जनसंख्या में शहर में किराए पर रहने वाले हजारों लोगों का कोई विवरण नहीं हैं। पानी की जरूरत प्रत्येक व्यक्ति को है। गर्मी से पहले पालिका के संसाधनों और पंजीकृत व्यक्तियों पर नजर डालें, तो साफ नजर आता है कि पानी को लेकर मारामारी मचेगी। शहर में पालिका के पास उपलब्ध संसाधन अपनी पूर्ण क्षमता से चलें तो 48 एमएलडी (मिलीयन लीटर पर डे) पानी ही दे सकते हैं। जबकि शहर में जरूरत 60 एमएलडी पानी की है। स्थिति यह है कि मानक के अनुसार प्रति व्यक्ति 135 पानी प्रतिदिन की जरूरत होती है, जबकि लोगों को सौ लीटर पानी ही मिल पा रहा है।
गर्मी में बढ़ेगी पानी की मारामारी
अभी गर्मी बहुत ज्यादा नहीं है। ऐसे में पानी की जरूरत बहुत ज्यादा नहीं बढ़ी है। वहीं विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से मिल रही है। वोल्टेज भी सही आ रहे हैं। ऐसे में पालिका के संसाधन अपनी भरपूर क्षमता से पेयजल का भंडारण-सप्लाई कर रहे हैं। अभी गर्मी बढ़ने पर लोगों की पानी की जरूरत बढ़ेगी। वहीं बिजली कटौती होने और वोल्टेज कम होने से पानी का भंडारण भी प्रभावित होगा। ऐसे में गर्मी में जरूरत बढ़ने और सप्लाई कम होने से मारामारी मचना तय है। स्थिति यह है कि एक साल बाद भी पालिका अपने संसाधनों में वृद्धि नहीं कर सकी हैं।
यह बरतें सावधानिया
पानी की कमी के दौर में सावधान रहने की जरूरत है। एक ओर जहां संसाधन कमजोर हैं, वहीं भूजल स्तर भी साल दर साल गिरता जा रहा है। शहरी जीवनशैली के चलते शासन ने भले ही पानी का मानक 135 लीटर प्रतिदिन तय किया हो, लेकिन हमको इसे नियंत्रित करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का मानक कम है, जबकि वहां की जीवनशैली भी अब शहरी होने की तर्ज पर है। ऐसे में पानी बचाने और अन्यों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने को प्रेरित करने की जरूरत है। यदि माैजूदा हालात में उपलब्ध पेयजल सौ लीटर प्रतिदिन से ही हम सामान्य दिनचर्या व्यतीत कर सकें, तो यह अन्यों के लिए भी उदाहरण हो सकता है। इससे हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी को बचा सकेंगे।
क्या बोले अधिकारी
विकास चौहान एक्सईएन- पेयजल सप्लाई का कहना हैं कि पालिका के पास जितने संसाधन है, उनका भरपूर उपयोग किया जा रहा है। उनसे उपलब्ध पेयजल को सुचारू रूप से सप्लाई किया जा रहा है। शहर के ऐसा कोई वार्ड नहीं है, जिसमें पानी को लेकर हालात ज्यादा खराब हों। गर्मी में भी उपलब्ध संसाधनों से ही सामान्य सप्लाई की जाएगी।
चार लाख आबादी को रोजाना 60 के सापेक्ष मिल रहा 48 एमएलडी पेयजल
शहर की जनसंख्या चार लाख
पानी के कनेक्शन
46 हजार,पानी की जरूरत 60 एमएलडी
शहर में उपलब्धता 48 एमएलडी
प्रतिव्यक्ति पानी की जरूरत 135 लीटर प्रतिदिन
पानी की सप्लाई
100 लीटर प्रतिदिन
हैंडपंप की संख्या 1459