Hardoi News: पीएम कुसुम योजना से कम हुई सिंचाई की लागत, किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की सलाह
Hardoi News: किसानों को संबोधित करते हुए विधायक रामपाल वर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है।
Hardoi News: हरदोई जिले में कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम तथा सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजना के अंतर्गत कछौना विकास खंड में विकास खंड स्तरीय कृषक जागरूकता गोष्ठी/प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि सांसद अशोक रावत व विशिष्ट अतिथि रामपाल वर्मा, विधायक बालामऊ व अशोक अग्रवाल, सदस्य विधान परिषद ने अधिकारियों के साथ गोष्ठी का उद्घाटन किया।
किसानों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा किसानों के सम्मान में चलाई जा रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष किसानों के खातों में सीधे छह हजार रुपये भेजे जा रहे हैं। 5 अक्टूबर को प्रधानमंत्री ने जिले के 6,5,5000 किसानों के खातों में 18वीं किस्त भेजी है। किसानों की सिंचाई लागत को कम करने के लिए कृषि प्रधानमंत्री कुसुम (सोलर पंप) द्वारा 60 प्रतिशत अनुदान पर सोलर पंप लगाए जा रहे हैं, जिसकी बुकिंग कृषि विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन की जा सकती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। प्राकृतिक आपदा से फसल की क्षतिपूर्ति के लिए किसान अपनी फसलों का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत करा सकते हैं।
किसानों को संबोधित करते हुए विधायक रामपाल वर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। प्रदेश सरकार किसानों को निशुल्क मिनीकिट व 50 प्रतिशत अनुदान के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली फसल के बीज उपलब्ध करा रही है तथा सभी प्रकार के कृषि उपकरण भी 80 प्रतिशत व 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। विधान परिषद सदस्य अशोक अग्रवाल ने कहा कि किसान प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी फसल की पैदावार बढ़ाएं। किसान अपना किसान क्रेडिट कार्ड अवश्य बनवाएं, ताकि उन्हें अपनी खेती के लिए 4 प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिल सके।
उप कृषि निदेशक डॉ. नंद किशोर ने किसानों को विभाग द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, फसल बीमा योजना, सोलर पंप योजना, प्रमाणित बीजों पर अनुदान योजना, कृषि यंत्रों पर अनुदान योजना की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को एन.पी.के. उर्वरकों का प्रयोग करने की सलाह दी तथा उनसे अपनी फसलों में संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करने की अपील की। उन्होंने किसानों से विशेष रूप से अपील की कि वे फसल अवशेष/पराली कदापि न जलाएं। फसल अवशेष जलाने से मृदा तापमान बढ़ता है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक स्थिति पर पड़ता है। पौधों के अवशेषों में लाभदायक मित्र कीट मर जाते हैं, जिसका प्रतिकूल प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है।
पराली के निपटान के लिए किसान खेत की सिंचाई करें, 01 एकड़ क्षेत्र में 10 किग्रा यूरिया का छिड़काव करें तथा खेत की जुताई करें, जिससे फसल अवशेष/पराली खेत में ही सड़ कर मिट्टी में मिल जाए, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। किसान अपने खेत से 02 ट्राली फसल अवशेष/पराली नजदीकी गौशाला में दान कर सकते हैं तथा वहां से 01 ट्राली उपयोगी गोबर की खाद अपने खेत के लिए प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. पंकज नौटियाल, प्रधान वैज्ञानिक के.वी.के. संडीला ने किसानों को फसलों को कतारों में बोने की सलाह दी तथा बताया कि किसान अपनी फसलों की पहली सिंचाई 21 दिन बाद करें। उन्होंने किसानों को जैविक खेती और गौ आधारित प्राकृतिक खेती के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
उपरोक्त की तरह 22 अक्टूबर को बेहदर ब्लॉक में ब्लॉक स्तरीय किसान जागरूकता गोष्ठी/प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें सुरेश कुमार वर्मा, मंडल अध्यक्ष, भाजपा और सुधाकर सिंह, अध्यक्ष गौ रक्षा कार्यकारिणी ने भाग लिया। गोष्ठी में किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में बताया गया। किसानों को फसलों से संबंधित कीट और रोग नियंत्रण और आगामी रबी सीजन में उगाई जाने वाली फसलों के लिए खेतों की तैयारी के बारे में चर्चा की गई।