हाथरस: दुष्कर्म पीड़िता के परिवार के खाते में पहुंची इतनी रकम, सुनकर चौंक जाएंगे

इस पूरे मामले में दुष्कर्म पीड़िता की मां का कहना है कि उनकी किसी राजनीतिक दल के लोगों से बात नहीं हुई है। उन्हें नहीं मालूम है कि सरकार ने इस मामले में किसको हटाया है।

Update:2020-10-03 13:03 IST
पीड़िता की मां से जब 14 सितंबर के बयान को लेकर सवाल पूछा गया कि 14 सितंबर को उन्होंने क्यों नहीं कहा कि उनकी बेटी के साथ गलत हुआ है।

लखनऊ: हाथरस में काफी हंगामे के बाद आखिरकार प्रदेश सरकार ने मीडियाकर्मियों को दुष्कर्म पीड़िता के घर जाकर उसके परिवार से बातचीत करने की अनुमति दे दी है। जिसके बाद से दुष्कर्म पीड़िता की मां ने मीडिया से अपनी आपबीती को साझा किया है।

पीड़िता की मां मीडियाकर्मियों से बातचीत के वक्त रोने लगी। उन्होंने कहा कि हमारी लड़की को मिट्टी नहीं दी उनलोगों ने।

उन्होंने रोते-रोते अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि हमारी बहू पुलिसवालों के आगे हाथ जोड़ती रही कि हमें एक बार ननद का चेहरा देख लेने दो, लेकिन उन्होंने उसकी बात को अनसुना कर दिया।

प्रवीण कुमार की पीड़ित परिवार को धमकाते हुए फोटो(सोशल मीडिया)

पैसे को लेकर मां ने कही ऐसी बात

पीड़िता की मां ने जांच पर सवाल उठाते हुआ कहा कि एसआईटी टीम और दूसरे अधिकारी उनके घर आए तो उन्हें एक ही बात की रट लगाये हुए थे, 'तुम्हें पैसे मिल रहे हैं। अरे तुमको पैसे तो मिल रहे हैं न। पता नहीं तुम्हारे खाते में कितने पैसे गए। मुझे नहीं पता।' पीड़िता की मां ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि उनके एकाउंट में कितने पैसे आए हैं? उन्हें तो बस न्याय चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराने की मांग

इस पूरे मामले में दुष्कर्म पीड़िता की मां का कहना है कि उनकी किसी राजनीतिक दल के लोगों से बात नहीं हुई है।

उन्हें नहीं मालूम है कि सरकार ने इस मामले में किसको हटाया है। उन्हें सीबीआई से जांच नहीं करानी है। पीड़िता की एक रिश्तेदार ने कहा कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के एक जज को करनी चाहिए। उनकी मानिटरिंग में इन्वेस्टीगशन होनी चाहिए।

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बेटी के साथ हुई दरिंदगी के बारे में मीडिया को जानकारी देते पीड़िता के परिजनों की फोटो(सोशल मीडिया)

नहीं करना नार्को टेस्ट

पीड़िता की मां से जब 14 सितंबर के बयान को लेकर सवाल पूछा गया कि 14 सितंबर को उन्होंने क्यों नहीं कहा कि उनकी बेटी के साथ गलत हुआ है।

इस पर पीड़िता की मां का कहना है कि 'उस दिन हादसे के बाद वो लोग बेचैन थे, उनकी बेटी घबराई हुई थी, लोग बोल रहे थे कि यहां से जल्दी ले जाओ ।जल्दी ले जाओ। वहां जांच हुई तब पता चली।'

जब उनसे नार्को टेस्ट पर पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें मालूम नार्को क्या होता है, उनके घरवालों को नार्को टेस्ट नहीं करवाना है।

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