पंचायत चुनाव: रामवीर उपाध्याय के परिवार में फूट, देवरानी-जेठानी आमने-सामने

आज वह हाथरस के वार्ड नंबर 14 से जिला पंचायत सदस्य की निर्दलीय प्रत्याशी हैं

Written By :  Hathras Saket Parashar
Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update:2021-04-10 11:37 IST

 हाथरस : जिले का मजबूत राजनीतिक परिवार जिस की बागडोर रामवीर उपाध्याय के हाथ में रहती थी। पिछले 5 वर्षों से बसपा के विधायक रहे रामवीर उपाध्याय की पत्नी श्रीमती सीमा उपाध्याय जो कि फतेहपुर सीकरी से बसपा की सांसद रही थी तथा उन्होंने मशहूर अभिनेता एवं कांग्रेस नेता राज बब्बर को हराया था।

बाहुबली परिवार

आज वह हाथरस के वार्ड नंबर 14 से जिला पंचायत सदस्य की निर्दलीय प्रत्याशी हैं वही उनके सामने रामवीर उपाध्याय के छोटे भाई मुकुल उपाध्याय की पत्नी श्रीमती रितु पाध्य भाजपा से वार्ड नंबर 14 की प्रत्याशी हैं जिला पंचायत हाथरस जिले का गठन होने के बाद हमेशा से रामवीर उपाध्याय परिवार के पास या उनके समर्थ रही है। दो बार उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय जिला पंचायत अध्यक्ष एक उनका भाई विनोद उपाध्याय जिला पंचायत अध्यक्ष है। वही उनके दूसरे भाई जो कि बसपा से अपनी पत्नी प्रीति उपाध्याय को नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव करवा चुके हैं तथा वे यहां पर बीजेपी प्रत्याशी से हारी थी।


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भाजपा से नई पारी की शुरुआत

उन्होंने बसपा से निष्कासित होकर होने के बाद अपनी नई पारी की शुरुआत भाजपा से की और सबको चौक आते हुए भाजपा से प्रत्याशी घोषित हो गए वहीं दूसरी ओर रामवीर उपाध्याय का बेटा चिराग वीर उपाध्याय सदा छोटा भाई विनोद उपाध्याय भी भाजपा में शामिल होकर जिला पंचायत की दौड़ में थे। अब रामवीर उपाध्याय ने मुकुल उपाध्याय की पत्नी रितु अध्याय के सामने अपनी पत्नी भूत पूर्व सांसद एवं भूत पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सीमा उपाध्याय को निर्दलीय चुनाव लड़ाया हैमेरे परिवार से उन्हीं के छोटे और रामवीर उपाध्याय के छोटे भाई विनोद उपाध्याय भूत पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वार्ड नंबर 16 से निर्दलीय तथा विनोद उपाध्याय की पत्नी वार्ड नंबर 20 से निर्दलीय प्रत्याशी है।



कल स्वतंत्र देव सिंह के आगमन के बाद भाजपा के दोनों विधायक सांसद वार्ड नंबर 14 पर प्रचार में जुटे हैं अब देखना यह है की जेठानी जी जीती है। देवरानी क्योंकि रामवीर उपाध्याय की राजनीति अगली राजनीतिक पारी की शुरुआत जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव पर निर्भर करती है क्योंकि वह बसपा से निष्कासित हैं और उन्होंने अभी तक कोई भी दल ज्वाइन नहीं किया है।

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