बाराबंकीः कथित आतंकी खालिद मुजाहिद की मौत के मामले में यूपी के डीजीपी रहे विक्रम सिंह और तत्कालीन एडीजी बृजलाल समेत 42 पुलिसवालों के खिलाफ अब सीबीसीआईडी जांच होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले में पुलिस की फाइनल रिपोर्ट खारिज करते हुए जांच कराने को कहा है। बाराबंकी पुलिस ने सभी को निर्दोष बताया था।
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क्या है मामला?
-साल 2007 में लखनऊ, फैजाबाद और वाराणसी की कचहरियों में सीरियल ब्लास्ट हुए थे।
-पुलिस ने इस मामले में जौनपुर के मड़ियाहूं निवासी खालिद मुजाहिद और तारिक कासिम को पकड़ा था।
-18 मई 2013 को तारिक और खालिद को पेशी पर ले जाया जा रहा था।
-कोर्ट ले जाते वक्त रास्ते में ही खालिद की मौत हो गई थी।
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घरवालों ने लगाया था हत्या का आरोप
-खालिद की मौत को घरवालों ने साजिशन हत्या बताया था।
-जमकर प्रदर्शन के बाद विक्रम सिंह, बृजलाल समेत 42 पुलिसवालों पर केस दर्ज हुआ था।
-बाराबंकी पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट में सभी को बेगुनाह बताया था।
हाईकोर्ट ने क्यों दिया आदेश?
-खालिद के वकील रणधीर सिंह सुमन ने दोबारा जांच की अर्जी कोर्ट में दी थी।
-रणधीर के मुताबिक बड़े अफसरों को बचाने की पुलिस कोशिश कर रही है।
-सीबीसीआईडी जांच पर खालिद के वकील ने भरोसा जताया है।