अयोग्यों को बनाया सेकेंड्री बोर्ड का सदस्य, HC ने मांगा सरकार से जवाब

Update: 2016-04-28 07:10 GMT

लखनऊ: हाईकोर्ट ने यूपी सेकेंड्री शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अयोग्य लोगों को बतौर सदस्य नियुक्त करने पर राज्य सरकार व बोर्ड से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने इटावा निवासी सदस्य अनिता यादव और क्लर्क से बोर्ड के सदस्य बने ललित कुमार श्रीवास्तव को भी नेाटिस जारी किया है।

पीआईएल पर आया आदेश

-यह आदेश चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस राजन राय की बेंच ने स्थानीय वकील मोतीलाल यादव की ओर से दायर एक पीआईएल पर पारित किया।

-कोर्ट ने इसी मामले से संबधित इलाहाबाद में दायर याचिकाओं को भी मंगाया है।

-याची की ओर से कहा गया है कि अनिता यादव, ललित कुमार श्रीवास्तव व एक अन्य सदस्य आशालता सिंह को नियमों के तहत योग्यता न रखने के बावजूद बोर्ड में सदस्य बना दिया गया।

-अनिता यादव को कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया गया था।

याची का आरोप

-बाद में हीरा लाल गुप्ता को अध्यक्ष बनाया गया। वहीं आशालता सेवानिवृत्त हो चुकी हैं।

-याची का आरेाप है कि इन सदस्यों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकायें इलाहाबाद में दाखिल हुई थीं जिन पर कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया था।

-मामला सुप्रीम केार्ट तक गया था, पंरतु उन्हें कोई राहत नही मिली थी।

नियम को ताख पर रखकर की गई नियुक्ति

-इस बीच याचिकाकर्ता ने किन्हीं कारणों से याचिका वापस ले ली थी, और मामला ठंडे बस्ते मेे चला गया।

- याची ने कोर्ट से कहा कि अनिता यादव और ललित श्रीवास्तव की नियुक्ति नियम कानून को ताक पर रख कर की गई है, लिहाजा इनकी नियुक्ति निरस्त की जाए।

-याची ने कहा कि अनिता यादव के पास सदस्य बनने के लिए मिनिमम क्‍वालिफिकेशन नहीं है।

-और श्रीवास्तव को डीआईओएस के दफ्तर में क्लर्क के पद से बोर्ड का सदस्य बना दिया गया।

कोर्ट ने मांगे रिकॉर्ड

-हाईकोर्ट ने सारे मामले पर गौर करने के बाद याचिका में उठाए गए बिंदुओं को महत्वपूर्ण मानते हुए नोटिस जारी कर दिया और अपने सीनियर रजिस्ट्रार को निर्देश दिया कि इलाहाबाद के रजिस्ट्रार जनरल से संबंधित मामले के रिकार्ड लखनऊ मंगाए।

-मामले की अगली सुनवाई 17 मई को होगी।

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