आजाद हिंद फौज के सदस्य के परिवार की DM ने नहीं ली सुध, हाईकोर्ट ने कहा- जल्द लें निर्णय

Update: 2017-02-23 15:37 GMT

लखनऊ: आजाद हिंद फौज के सदस्य विजय बहादुर सिंह की आश्रित को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रखने का रायबरेली का एक मामला सामने आया है।

फ्रीडम फाइटर के कोटे के सर्टिफिकेट के लिए संघर्ष कर रही तिलका देवी ने जिलाधिकारी (डीएम) की कार्यशैली से निराश होकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष याचिका दाखिल की है। जिस पर कोर्ट ने डीएम को तीन माह के भीतर याची के मामले पर कानून के मद्देनजर निर्णय लेने के आदेश दिए हैं। ये आदेश न्यायमूर्ति एपी साही और न्यायमूर्ति संजय हरकौली की खंडपीठ ने दिए।

पिता थे आजाद हिंद फौज के सदस्य

याची के अधिवक्ता सुरेंद्र बहादुर सिंह के अनुसार याची नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आजाद हिंद फौज के सदस्य विजय बहादुर सिंह की पुत्री हैं। उनके पिता आजाद हिंद फौज के मेडिकल विंग में थे। याचिका में कहा गया है फ्रीडम फाइटर कोटे का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए याची ने जिलाधिकारी के समक्ष अनुरोध किया।

कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख

इसी क्रम में वेरिफिकेशन भी हो चुका है। जिलाधिकारी को सभी आवश्यक दस्तावेज भी भेजे जा चुके हैं। बावजूद इसके जिलाधिकारी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए याची के मामले पर तीन माह में निर्णय लेने के आदेश जिलाधिकारी, रायबरेली को दिए हैं।

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