HC: अभी खाली रहेंगे जजों के आधे पद, केंद्र ने SC को वापस किए 43 नाम

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि उसने देशभर में कुल 34 न्यायाधीशों की नियुक्ति कर दी है। साथ ही भेजे गए 43 नामों की नियुक्ति पर केंद्र ने असहमति जताई है और उन्हें पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट को वापस कर दिया है।;

Update:2016-11-12 19:21 IST
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इलाहाबाद: हाई कोर्ट में जजों की कमी के चलते वादकारियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इलाहाबाद और लखनऊ बेंच मिलाकर जजों के 160 पद सृजित हैं। लेकिन इन पदों की तुलना में सिर्फ आधे जज ही काम कर रहे हैं। आज तक सभी 160 पदों को कभी नहीं भरा गया। जज बनाने के लिए जो नाम केंद्र सरकार को दिए गए थे, उसकी एक बड़ी सूची केंद्र ने पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट को वापस कर दी है।

भेजे गए थे नाम

-जजों की नियुक्ति के लिए मौजूदा समय में कोलेजियम प्रथा प्रचलित है। इसी कोलेजियम से हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति की जाती है।

-पूर्व चीफ जस्टिस डॉक्टर डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान एक बार 19 और दूसरी बार 30 वकीलों के नाम बार से जज बनाने के लिए केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट को भेजे थे।

-इनमें से कई नामों पर सहमति देकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के विधि मंत्रालय को नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाने की सिफारिश की थी।

-उक्त 49 वकीलों के नामों के अलावा हाई कोर्ट कोलेजियम ने 40 प्रतिशत कोटे के तहत प्रमोशन से हाई कोर्ट जज नियुक्त होने के लिए ज़िला जजों के नामों की भी सिफारिश की थी।

केंद्र सरकार ने किए वापस

-ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि अब हाई कोर्ट को पर्याप्त संख्या में जज मिल जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

-केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि उसने देशभर में कुल 34 न्यायाधीशों की नियुक्ति कर दी है।

-साथ ही भेजे गए 43 नामों की नियुक्ति पर केंद्र ने असहमति जताई है और उन्हें पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट को वापस कर दिया है।

-केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे से इलाहाबाद हाई कोर्ट और इसकी लखनऊ बेंच में काफी निराशा है।

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