जायसी के सम्मान में अवकाश मुद्दे पर HC ने DM से कहा- छुट्टी की घोषणा सरकार का अधिकार, आपका नहीं
लखनऊ: हाईकोर्ट ने 'पद्मावत' महाकाव्य के रचयिता और प्रसिद्ध कवि, सूफी संत मलिक मोहम्मद जायसी के सम्मान में अमेठी के डीएम चंद्रकांत पांडेय द्वारा अवकाश घोषित करने की अनुशंसा करने पर कड़ी नाराजगी जताई है। जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने इस पर संज्ञान लेते हुए डीएम को चेतवानी दी, कि भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों में वह संलिप्त न हों।
बता दें, कि सिम्नैनी एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की थी। जिसमें मलिक मोहम्मद जायसी के सम्मान में प्रत्येक वर्ष 6 जुलाई को पब्लिक हॉलीडे या रेस्ट्रिक्टेड हॉलीडे घोषित करने का आदेश राज्य सरकार को दिए जाने की मांग की गई थी। याचिका के साथ अमेठी के जिलाधिकारी (डीएम) द्वारा इस संबंध में की गई 8 अगस्त 2016 के अनुशंसा पत्र को भी संलग्न किया गया था। ये पत्र उन्होंने प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन को भेजा था।
'कोई डीएम कैसे कर सकता है अनुशंसा'
बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अवकाश का दावा करना किसी का न तो विधिक अधिकार और न ही मौलिक अधिकार है। कोर्ट ने कहा, कि 'एक कवि के जन्म दिवस को राज्य सरकार द्वारा गजटेड हॉलीडे घोषित नहीं किया गया है। ऐसे में एक जिलाधिकारी इस संबंध में सरकार को अनुशंसा कैसे भेज सकता है?'
नसीहत के साथ याचिका खारिज
कोर्ट ने जिलाधिकारी, अमेठी चंद्रकांत पांडेय को आदेश की प्रति भेजने का निर्देश देते हुए चेतावनी दी है कि भविष्य में वह इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त न हों। वहीं, कोर्ट ने याची संस्था को भी नसीहत दी, कि उन्हें अवकाश की मांग के बजाय कार्य संस्कृति पर ध्यान देना चाहिए। कोर्ट ने उक्त टिप्पणियों के साथ याचिका को खारिज कर दिया।