HC ने किया राज्य सरकार से जवाब तलब, पूछा-क्यों बदला गया अयोध्या में घाटों का नाम
अयोध्या में चार घाटों के नाम स्थानीय प्रशासन ने बदल दिए। ऋणमोचन घाट का नाम झुनकीघाट या झुनझुनिया घाट, पापमोचन घाट का नाम गोला घाट, स्वर्ग द्वार घाट का नाम नया घाट और श्रीजानकी घाट का नाम चैधरी चरण सिंह घाट कर दिया गया।
लखनऊ: उच्च न्यायालय ने अयोध्या के कई पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व के अवशेषों, स्थानों, संकेतकों व घाटों के नामों को बदले जाने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत ने गृह विभाग समेत मंडलायुक्त फैजाबाद, जिलाधिकारी फैजाबाद, लोक निर्माण विभाग, जल निगम, फैजाबाद विकास प्राधिकरण और अयोध्या नगरपालिका परिषद को इस मामले में प्रति शपथपत्र दायर करने का आदेश दिया है।
कई घाटों के बदले नाम
यह आदेश जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की पीठ ने अयोध्या के शत्रुघ्न निवास के महंत पवन कुमार दास शास्त्री की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर दिया।
याचिका में कहा गया है कि अयोध्या में पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व के कुल सात घाट हैं जिनमें से चार के नाम स्थानीय प्रशासन ने बदल दिए। ऋणमोचन घाट का नाम झुनकीघाट या झुनझुनिया घाट, पापमोचन घाट का नाम गोला घाट, स्वर्ग द्वार घाट का नाम नया घाट और श्रीजानकी घाट का नाम चैधरी चरण सिंह घाट कर दिया गया।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि घाटों व कुंडों के नाम बदल कर इन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है।
ये सभी स्थान श्रीरामकोट परिक्रमा मार्ग, पांचकोसी परिक्रमा मार्ग व चौदहकोसी परिक्रमा मार्ग पर पड़ते हैं। जहां साल भर दूर दूर से आए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
ऐसे में पौराणिक महत्व के स्थानों के नामों में परिवर्तन न सिर्फ अयोध्या की ऐतिहासिकता व पौराणिकता के साथ छेड़छाड़ है बल्कि श्रद्धालुओं के साथ छल भी है।
याची ने दावा किया है कि राजनीतिक कारणों व कुछ महंतों के व्यक्तिगत हितों को साधने के लिए ये कार्यवाही की जा रही है।