Chandauli News: राज्य सभा सांसद ने नगर पंचायत के ईओ के खिलाफ मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, जानिए क्या है मामला
Chandauli News: राज्यसभा सांसद साधना सिंह ने जनपद की सदर नगर पंचायत की ईओ पूजा सिंह पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए उनके द्वारा नगर में कराए जा रहे कार्यों की जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री से पत्र के माध्यम से मांग किया है।
Chandauli News: चंदौली जनपद की निवासिनी राज्यसभा सांसद साधना सिंह ने सदर नगर पंचायत की ईओ पूजा सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सरकार की छवि धूमिल करने एवं पीड़ितों को दोहन करने का आरोप लगाया है।
आपको बता दें कि चंदौली जनपद की निवासिनी राज्यसभा सांसद साधना सिंह ने जनपद की सदर नगर पंचायत की ईओ पूजा सिंह पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए उनके द्वारा नगर में कराए जा रहे कार्यों की जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री से पत्र के माध्यम से मांग किया है। राज्यसभा सांसद से नगर के पीड़ित लोगों की शिकायत के बाद उन्होंने सरकार की छवि धूमिल करने एवं पीड़ितों का दोहन करने के मामले को लेकर मुख्यमंत्री जी से गुहार लगाई है।
राज्यसभा सांसद ने अपने पत्र में लिखा है कि नगर पंचायत की कार्यकारी पदाधिकारी पूजा सिंह द्वारा नगर की जनता से घर का नक्शा पास कराने,संपत्ति हस्तांतरण,मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य मामलों में सीधे पैसे की मांग की जाजाती है और भ्रष्टाचार किया जाता है। यही नहीं नगर में कराये जा रहे विकास कार्यों में दोयम दर्जे का सामान का उपयोग किया जा रहा है और सम्मान के खरीद में तथा कार्य में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इन कार्यों की निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच कराए जाने पर सारे मामले खुल जाएंगे।
राज्यसभा सांसद ने पत्र के माध्यम से सरकार की छवि खराब करने एवं पीड़ितों के दोहन करने के मामले को लेकर इस तरह का कदम उठाया है। राज्यसभा सांसद साधना सिंह सदर नगर पंचायत की निवासिनी है और इस क्षेत्र की पूर्व विधायक रह चुकी है। जिससे जनता का जुड़ाव इनका पहले से ही है। पीड़ित जनता उनके यहां समस्याओं को लेकर जा रही है और अपनी आप बीतीसुनती है, जिसको लेकर उन्होंने अपने सरकार के ही अधिकारी के खिलाफ मुख्यमंत्री जी से सरकार की छवि धूमिल करने एवं पीड़ितों को न्याय न देकर उनका दोहन करने की शिकायत की है। अब देखना है कि राज्यसभा सांसद की शिकायती पत्र का मुख्यमंत्री द्वारा किस तरह संज्ञान लिया जाता है और ऐसे अधिकारियों पर किस तरह की कार्यवाही की जाती है।