दरोगा भर्ती से बाहर हुए अभ्यर्थियों को फिर से जीडी में बुलाने पर हाईकोर्ट सख्त, भर्ती बोर्ड से मांगा जवाब

Update: 2017-07-03 14:08 GMT
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इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने साल 2011 की 4,010 पदों पर सब इंस्पेक्टर भर्ती मामले में चयनित अभ्यर्थियों को दोबारा ग्रुप डिस्कशन के लिए बुलाए जाने पर प्रदेश सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब-तलब किया है।

कोर्ट ने पूछा है, कि ग्रुप डिस्कशन में व्हाइटनर और ब्लेड का प्रयोग करने वाले 2,070 अभ्यर्थियों को किस आधार पर बुलाया गया है। याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।

ये था मामला

अमित सिंह और 18 अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय सुनवाई कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि 2011 में पुलिस सब इंस्पेक्टर और पीएसी प्लाटून कमांडर के पदों पर चयन सूची हाईकोर्ट ने रद्द कर नए सिरे से परिणाम घोषित करने का आदेश दिया था। इसमें व्हाइटनर का प्रयोग करने वाले 2,880 अभ्यर्थियों को बाहर कर संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश था। इस आदेश के बाद 810 अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने व्हाइटनर के प्रयोग को गलत माना। मगर 810 अभ्यर्थियों को अपवाद स्वरूप भर्ती में शामिल करने का आदेश दिया। इस बीच हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने गलत आरक्षण लागू करने के आधार पर रद्द कर दिया तथा संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश दिया। पुलिस भर्ती बोर्ड ने जब संशोधित परिणाम जारी किया, तो उसमें सभी 2,070 व्हाइटनर इस्तेमाल करने वालों को भी शामिल कर लिया तथा सभी को ग्रुप डिस्कशन में बुला लिया गया है।

याची के अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभु राय का कहना था कि व्हाइटनर लगाने वालों की नियुक्ति रद्द हो चुकी है। इन्हें ग्रुप डिस्क्शन में बुलाने में मेरिट बदल गई। जिससे बहुत से पात्र अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर हो गए। जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश मात्र 810 व्हाइटनर वालों अभ्यर्थियों के लिए है।

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