कोरोना संकट में बढ़ा दिया माननीयों का भत्ता, बिफरे शिक्षकों ने किया सवाल
में शिक्षक संघ ने सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है तो फिर सांसदों का भत्ता क्यों बढ़ाया जा रहा है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर डीए व अन्य भत्तों पर लगी रोक को वापस लेने का अनुरोध किया है। अपने पत्र में शिक्षक संघ ने सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है तो फिर सांसदों का भत्ता क्यों बढ़ाया जा रहा है।
यूपी में राज्य कर्मचारियों के डीए समेत अन्य छह भत्तों पर लगी रोक से कर्मचारियों में काफी रोष व्याप्त है। सोमवार को कई कर्मचारी संगठनों द्वारा इसका विरोध करते हुए उक्त आदेश को वापस लेने की मांग की गई।
इधर, मंगलवार को शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी तथा महामंत्री नरेश कौशिक मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कहा है कि सरकार ने कोरोना महामारी के कारण बिगड़ती आर्थिक स्थिति का सहारा लेकर कर्मचारियों के डीए व अन्य भत्तों पर रोक लगाई है।
सात अप्रैल को गजट कर बढ़ा दिया भत्ता
शिक्षक नेताओं ने सवाल उठाया है कि अगर यही कारण है तो मौजूदा हालात में भारत सरकार द्वारा बीती 07 अप्रैल को गजट जारी करके देश के सांसदों का भत्ता क्यों बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री को भेजे गए शिक्षक संघ के पत्र में कहा गया है कि यूपी सरकार द्वारा शासनादेश जारी करके प्रदेश के शिक्षकों, कर्मचारियों का महंगाई भत्ता एवं अन्य भत्तें जनवरी 2020 से जून 2021 तक कोरोना महामारी के कारण रोक दिया गया है।
एक दिन का वेतन स्वेच्छा से दिया
जबकि प्रदेश के शिक्षकों-कर्मचारियों ने इस महामारी से निपटने के लिए अपना एक दिन का वेतन स्वेच्छा से मार्च माह में ही दे दिया गया था। जिससे अकेले बेसिक शिक्षा विभाग से ही 76 करोड़ 14 लाख रुपये राहत राशि के तौर पर सरकार को प्राप्त हुई थी।
इसके बावजूद भी सरकार द्वारा महंगाई भत्ता रोक देना, शिक्षकों के साथ अन्याय है। इसे यूपी के शिक्षक किसी भी दशा में स्वीकार नहीं करेंगे। साथ ही इससे कोरोना महामारी से लड़ रहे कोरोना वारियर्स, चिकित्सक, शिक्षक, कर्मचारी तथा पुलिस कर्मियों पर प्रतिकूल असर पडे़गा और उनका मनोबल गिरेगा।