काठमांडू में हुआ हम्बोल्ट कोलेग-2022 का आयोजन, LU प्रो. पूनम टण्डन ने विज्ञान और संस्कृति को बढ़ावा देने पर दिया व्याख्यान
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के हम्बोल्ट फेलोशिप प्राप्त प्रोफेसरों ने दक्षिण एशिया में अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भागीदारी की।
Lucknow University: राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय के हम्बोल्ट फेलोशिप (Humboldt Fellowship) प्राप्त प्रोफेसरों ने दक्षिण एशिया में अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए, हम्बोल्ट अकादमी द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भागीदारी की। डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. पूनम टंडन और डॉ. सीमा मिश्रा को नेपाल के काठमांडू में आयोजित 3 दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था।
16-19 अक्टूबर तक आयोजित यह चार दिवसीय सम्मेलन "विज्ञान और संस्कृति को सुदृढ़ करने के लिए अंतःविषय सहयोग" विषय पर काठमांडू मे "हम्बोल्ट-कोलेग 2022" (Humboldt colegio-2022) आयोजित किया गया था। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में अंतः विषय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्र और शेष दुनिया में हम्बोल्ट फेलो के नेटवर्क का उपयोग करना था।
विज्ञान और संस्कृति के अलग-अलग क्षेत्रों को मिलेगी मजबूती
यह सम्मलेन लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा लागू करी गई नई शिक्षा नीति को क्रियान्वित करने की दृष्टि से काफी प्रासंगिक है, जो कि लखनऊ विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों और दक्षिण एशियाई क्षेत्र, यूरोपीय देशों और अन्य संस्थानों मे विज्ञान और संस्कृति के विभिन्न क्षेत्रों के बीच सहयोग को मजबूत करने पर बल प्रदान करता और एनईपी के उद्देश्यों के अनुरूप हैं। बैठक के मुख्य लक्ष्यों में से एक छात्रों को स्नातक और स्नातकोत्तर अध्ययन के दौरान विभिन्न क्षेत्रों मे वैश्विक स्तर पर गुणात्मक प्रदर्शन बढाना था, ताकि उनकी रुचि के क्षेत्र में काम करने के और अवसरों का पता लगाया जा सके और जो एनईपी का भी प्रमुख हिस्सा है।
10 देशों के वक़्ता रहे मौजूद
इस बैठक को हम्बोल्ट फाउंडेशन, जर्मनी द्वारा आयोजित किया गया था। सम्मेलन में 10 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले दुनिया भर के प्रख्यात वक्ताओं की हिस्सेदारी रही। जिनमें बांग्लादेश, जर्मनी, भारत, मलेशिया, नेपाल और थाईलैंड के वैज्ञानिक व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहे और अर्जेंटीना, चीन, पाकिस्तान और फिलीपींस से आनलाइन भागीदारी रही। तकनीकी सत्रों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में व्यापक विशेषज्ञता के साथ दुनिया भर से आने वाले अनेक प्रख्यात वैज्ञानिकों/विद्वानों शामिल रहे।