Kanpur News: कोरोना काल में हुई थी आयकर कर्मचारी की मौत, जिंदा मानकर पत्नी कर रही थी देखभाल...

Kanpur News: कानपुर में शुक्रवार को एक अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां एक पत्नी डेढ़ साल से अपने पति का शव घर में रखे थी। पत्नी को यकीन ही नहीं था कि उनका पति मर चुका है।

Report :  Avanish Kumar
Update: 2022-09-23 12:02 GMT

कानपुर: कोरोना काल में हुई थी आयकर कर्मचारी की मौत, जिंदा समझ पत्नी कर रही थी देखभाल: Photo- Social Media

Kanpur News: कानपुर में शुक्रवार को एक अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां एक पत्नी डेढ़ साल से अपने पति का शव घर में रखे थी। पत्नी को यकीन ही नहीं था कि उनका पति मर चुका है। पत्नी व अन्य परिजन कोमा में होने की जानकारी के चलते हैं मृतक के शव (dead body) को घर में रखे हुए थे लेकिन वही शुक्रवार को सूचना पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग (health Department) की टीम ने शव को कब्जे में ले लिया जिसके बाद पत्नी हंगामा करने लगी हंगामे की जानकारी होते ही मौके पर पुलिस (UP Police) पहुंच गई जिसके बाद पुलिस ने जांच की बात कहते हुए शव को जांच के लिए एलएलआर अस्पताल भिजवाया गया जहां डॉक्टरों ने काफी समय पहले ही मृत होने की पुष्टि की है।

22 अप्रैल 2021 को हो चुकी थी मौत

कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र (Rawatpur police station area) में इनकम टैक्स चौराहा कृष्णपुरी में रहने वाले आयकर विभाग के कर्मचारी विमलेश गौतम की मौत कोरोना काल में 22 अप्रैल 2021 को हुई थी।उस समय डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित करके अस्पताल की तरफ से डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया था। इसके बाद भी उनकी मौत को लेकर पत्नी व घर वालों को भरोसा नहीं हो रहा था और वह शव लेकर दूसरे अस्पताल गए थे। वहां भी डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इस पर पत्नी व परिवार वाले उनका शव लेकर घर आ गए थे। घर पर पत्नी ने कई बार उनके जिंदा होने की बात कही। जिसके बाद से पत्नी उनके शव पर रोजाना गंगाजल डालकर जिंदा होने का दावा करते थी और आसपास के लोगों को पति के कोमा होने की बात बताती थी।

सत्यापन पर हुआ खुलासा

विमलेश गौतम की मृत्य प्रमाणित न होने की वजह से पारिवारिक पेंशन का निर्धारण नहीं हो पा रहा था। जिसके चलते आयकर विभाग ने सीएमओ से जांच कराकर रिपोर्ट देने का आग्रह किया था।उनके आग्रह पर सीएमओ ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है और टीम मृतक विमलेश के घर जांच करने पहुंची तो पता चला कि विमलेश का शव घर में ही रखा हुआ है। जिसके बाद टीम ने पुलिस को सूचना दी मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया तो पत्नी का परिजन हंगामा करने लगे और विमलेश के जिंदा होने की बात कहने लगे जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हैलट अस्पताल ले जाने की बात कही तब जाकर कहीं पत्नी वा परिजन माने।

क्या बोले पड़ोसी

पड़ोसियों ने कहा कि उन्हें तो यही विश्वास था कि विमलेश जिंदा हैं और कोमा में हैं। डेढ़ साल से रोजाना घर पर आक्सीजन सिलेंडर भी लाए जाते थे। इसलिए कभी उन्हें उनकी मौत का अभास नहीं हुआ और पुलिस को भी जानकारी देना उचित नहीं समझा।

क्या बोले थाना प्रभारी

थाना प्रभारी ने बताया कि स्वास्थ विभाग की टीम जांच करने आई थी इस दौरान पत्नी व अन्य सदस्य हंगामा करने लगे इसकी जानकारी होते ही मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया गया और आसपास के लोगों से जानकारी मिली की मृतक की पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और वह भी बीमार चल रही है जिसके चलते वह अपने पति को मृत नहीं मानती है स्वास्थ विभाग की टीम ने शव को कब्जे में ले लिया है और शव को एलएलआर अस्पताल भिजवाया गया है।

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