लखनऊ: बीते महीने ही केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी की सूची में लखनऊ को पहला नंबर मिला था। लेकिन नवाबों की यह नगरी तभी स्मार्ट सिटी बन सकती है, जब इसकी बुनियादी सुविधाओं में विकास हो। इसी बीच आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने स्मार्ट सिटीज की तिस्ट में लखनऊ को शामिल करने पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गुप्ता ने सवाल किय़ा है कि लखनऊ स्मार्ट सिटी कैसे हो सकता है?
इंटरनेट और सेलुलर सर्विस दयनीय
आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने पूछा है कि आखिर लखनऊ जैसे शहर स्मार्ट सिटी कैसे हो सकते हैं?
-गुप्ता ने कहा कि यहां बेसिक इंटरनेट और सेलुलर सर्विस दयनीय स्थित में है, स्मार्ट सिटी में इसका जवाबदेह कौन होगा?
एअरटेल पर निशाना
-अनिल गुप्ता ने टेलीकाम कंपनी एअरटेल पर निशाना साधते हुए कहा है कि डिजिटल इंडिया या अन्य स्लोगन की सफलता संदिग्ध है।
-एक सोशल साइट पर उन्होंने कहा कि जब एअरटेल की तरह बेसिक टेलीकाम और इंटरनेट सर्विसेज ठीक नही हैं, तो डिजिटल इंडिया का सपना कैसे सफल होगा?
स्मार्ट सिटी की बुनियादी जरूरतें
-बेहतर ट्रांसपोर्ट: सिटी में एक जगह से दूसरी जगह जाने में 45 मिनट से ज्यादा समय न लगे।
-बिजली पानी: स्मार्ट सिटी में पूरे सप्ताह 24 घंटे बिजली और पानी की सप्लाई हो।
-वाईफाई: वाईफाई कनेक्टिविटी 100 फीसद घरों तक हो और इनकी स्पीड 100 एमबीपीएस तक हो।
-स्मार्ट सिटी में इमरजेंसी रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट से ज्यादा न हो।
-15 फीसद इलाका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए हो।
-सवा लाख की आबादी पर एक कॉलेज हो।
-10 लाख की आबादी पर एक यूनिवर्सिटी, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक प्रोफेशनल कॉलेज और एक पैरामेडिकल कॉलेज हो।