IMPACT: ग्राम पंचायतों में तीन साल में हुए कामों का तकनीकी परीक्षण कराएगी योगी सरकार

Update:2017-09-28 13:34 IST
योगी की पहली परीक्षा, कल से चुनावी रण में दमखम के साथ उतरेंगे CM

राजकुमार उपाध्याय

लखनऊ: योगी सरकार प्रदेश की ग्राम पंचायतों में पिछले तीन वर्षों में हुए कामों की जांच कराएगी। यह तकनीकी परीक्षण सैम्पलिंग के आधार पर किया जाएगा। 14वें केंद्रीय वित्त, चतुर्थ राज वित्त व स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) के पैसे से निर्माण, मरम्मत एवं रखरखाव के हुए कामों को देखा जाएगा कि वह जमीन पर उतरे हैं या नहीं। तकनीकी परीक्षण के लिए गठित कमेटी सन 2015—16 से 2017—18 तक हुए कामों का मूल्यांकन करेगी। सैम्पलिंग के आधार पर जांच के लिए राज्य भर से 150 ग्राम पंचायतों का चयन होगा। शासन ने सप्ताह भर के अंदर परीक्षण की रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि newstrack.com / अपना भारत, विभाग के घोटालों का लगातार खुलासा कर रहा है।

दरअसल जीरो टालरेंस की नीति को लेकर सत्ता में आयी योगी सरकार को पंचायतीराज विभाग के कामों की ढेरों शिकायतें मिलती रही हैं। इसको देखते हुए तय किया गया कि ग्राम पंचायतों के कामों का तकनीकी परीक्षण करा लिया जाए। चूंकि प्रदेश में 75 जिले हैं। आबादी के लिहाज से भी यूपी सबसे बड़ा प्रदेश है तो तय किया गया कि हर जिले की दो ग्राम पंचायतों का चयन सैम्पलिंग के आधार पर किया जाए। ग्राम पंचायतों के चयन के लिए एक अलग फार्मूला निकाला गया। तय हुआ कि जांच के लिए जिले की सबसे बड़ी आबादी के 11वें और 12वें नम्बर पर मौजूद पंचायतों को चुना जाएगा। जिसका मंडलीय स्तर पर तकनीकी परीक्षण होगा।

इन बिन्दुओं पर होगी जांच

—ग्राम पंचायतों को विभिन्न स्रोतों से तीन वर्षों में मिलने वाली धनराशि (लाख रूपये में)

—प्राप्त धनराशि के सापेक्ष वर्षवार वार्षिक कार्ययोजना में लिए गए कार्य

—वार्षिक कार्ययोजना की प्लान—प्लस पर अपलोड किए जाने की स्थिति

—वार्षिक कार्ययोजना में लिए गए कार्यों के सापेक्ष वर्षवार विकसित आईडी के सापेक्ष एक्शन

—साफ्ट साफ्टवेयर पर किए गए कार्यों का विवरण

—प्रियासाफ्ट साफ्टवेयर पर ग्राम पंचायत की माहवार एवं वार्षिक पुस्तिका बंदी की स्थिति

—योजना के अनुसार लिए गए कार्यों के सापेक्ष तकनीकी अनुमोदन एवं कार्य का प्राक्कलन की उपलब्धता

—वर्षवार व्यय धनराशि के सापेक्ष मौके में निर्मित पाए गए एवं निर्माणाधीन कार्यों का विवरण

—व्यय की गई धनराशि के बिल बाउचर एवं भुगतान के लिए उपयोग में लायी गई प्रक्रिया

—निर्मित सम्पत्तियों की जीओ टैगिंग एवं नेशनल एसेट डायरेक्ट्री में फीडिंग की स्थिति

—स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) के लाभार्थियों के निर्मित शौचालय का सत्यापन

—शौचालय निर्माण की धनराशि का लाभार्थी तक पहुंचाने की स्थिति एवं माध्यम

—निगरानी समिति की सक्रियता एवं स्वच्छाग्रहियों के मानदेय की पुष्टि

—निर्माण कार्य के लिए लगाए गए मिस्त्रियों की व्यवस्था एवं प्रशिक्षण

—शौचालय की जीओ टैगिंग

—स्कूल स्वच्छता एवं आंगनबाड़ी स्वच्छता की कार्ययोजना एवं प्रगति स्थिति

—पेयजल हेतु रिबोर हैंडपम्प/मरम्मत हैंडपम्प की कार्ययोजना की प्रगति स्थिति

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