सहारनपुर: दुनिया भर में भारत का झंडा फहराने वाला एक खिलाड़ी सड़क के किनारे सब्जी बेचने पर मजबूर है। मार्शल आर्ट का यह धुरंधर ढेरों राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुका है। लेकिन कोई सरकारी मदद न मिलने से आज फुटपाथ पर सब्जी बेच रहा है।
ये रहीं उपलब्धियां
-मार्शल आर्ट के खिलाड़ी प्रवीण कुमार सैनी ने 1999 में खेलना शुरू किया था।
-पहले जनपदीय जूडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता।
-फिर मंडल चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया।
-स्टेट लेवल के कई ओपन टूर्नामेंट में कई प्राइज जीते।
-2002 में मुंबई के अंतरराष्ट्रीय टेकूंडू चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीता।
-2005 में फिर अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में गोल्ड मेडल हासिल किया।
-ऑल इंडिया मार्शल आर्ट चैम्पियनशिप में गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉंज मेडल।
-मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट ।
सम्मान मिला मदद नहीं
-2008 में मार्शल आर्ट के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सम्मानित।
-दिल्ली रोड पर एक सड़क दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर पुरस्कृत।
-हाईटेंशन लाइन के हादसे में लोगों की जान बचाने पर समाज सेवा पुरस्कार।
-अब सब्जी बेचने के साथ बच्चों को मार्शल आर्ट के गुर सिखा रहे हैं।
मर गई इच्छा
-प्रवीण ने अपने बलबूते पर ही अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई।
-लेकिन खिलाड़ियों के लिए मौजूद किसी योजना से प्रोत्साहन नहीं मिला।
-प्रवीण देश को मार्शल आर्ट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे ले जाना चाहते हैं।
-लेकिन सरकारी प्रोत्साहन न मिलने और परिवार को पालने के लिए उन्हें अपनी इच्छा मारनी पड़ी।