IPSEF की CM योगी से मांग: स्वास्थ्य विभाग के तबादले हों निरस्त, कर्मचारी किए जा रहे कार्यमुक्त

जानकारी में आया है, कि विभागीय अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों को कार्यमुक्त किया जा रहा है और मकान खाली करने को कहा जा रहा है।ये बातें इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने कही।

Written By :  Shashwat Mishra
Update:2022-07-18 18:20 IST

CM Yogi (image credit social media)

'इंडियन पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन' (IPSEF) को शिकायत मिली है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति (Transfer Policy) के विपरीत समूह 'ग' के कर्मचारी व डॉक्टरों के भारी संख्या में स्थानांतरण कर दिये गये हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद (State Employees Joint Council UP) के महामंत्री द्वारा उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brijesh Pathak) को दो बार ज्ञापन दिये गये थे। उन्होंने महानिदेशक स्वास्थ्य को निर्देश दिये गये थे कि अनियमित स्थानान्तरण को निरस्त करें। लेकिन, महानिदेशक द्वारा सभी मामले सरकार को भेज दिए गए। 

जिस पर मुख्य सचिव (Chief Secretary) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। इस पर दो दिन में मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन कमेटी ने भी संभवतः अभी तक रिपोर्ट नहीं दी है। जानकारी में आया है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों को कार्यमुक्त किया जा रहा है और मकान खाली करने को कहा जा रहा है। ये बातें इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी.पी. मिश्र (IPSEF National President V.P. Mishra) ने कही।

स्थानांतरण को निरस्त करने की उठाई मांग

इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी.पी. मिश्र ने खेद व्यक्त किया है कि ये ऐसे कर्मचारियो के मामले हैं, जिन्होंने जान की बाजी लगाकर कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) में मरीज़ों की जान बचाई थी। बहुत से कर्मी स्वयं अपनी जान गंवा बैठे थे। ऐसे कर्मचारियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार कदापि उचित नहीं कहा जा सकता है। इस समस्या में स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारी संगठन आंदोलन भी करने जा रहे हैं। मिश्र ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि शासन द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति के विश्रद्ध किये गये स्थानान्तरणें को तत्काल निरस्त कराएं, जिससे कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का मनोबल बढ़े और चिकित्सालय (Hospital) ठीक से कार्य कर सके। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह भी मांग की है कि 1 जनवरी 2022 से देय मंहगाई भत्ते की किस्त का भी तत्काल भुगतान करायें, क्योंकि भीषण मंहगाई से कर्मचारी परिवार अत्यधिक प्रभावित है।

स्थानान्तरण नहीं रुके तो बड़े आन्दोलन की घोषणा

गौरतलब है कि, चिकित्सा विभाग में हुए बड़े पैमाने पर नीति विरूद्ध स्थानान्तरण को निरस्त करने की मांग को लेकर, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा स्वास्थ्य महानिदेशालय पर एक दिवसीय धरना दिया गया था। जहां पर अगले आंदोलन की भी घोषणा कर दी गई थी। स्थानान्तरण निरस्त न होने पर 21 से 23 जुलाई 2022 तक सभी राज्य कर्मी काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 25 जुलाई को सभी जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालयों पर धरना और 26 से 30 जुलाई तक दो घंटे कार्य बहिष्कार किया जायेगा।

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