Jaunpur News: "डीएम साहब मैं जिंदा हूं", न्याय दिला दीजीए, महिलाओं का अनोखा प्रदर्शन

Jaunpur News: अपने को सरकारी अभिलेख में मृतक घोषित होने के बाद दोनों पीड़ित महिलाओं ने तख्ती पर लिखकर डीएम ऑफिस में प्रदर्शन किया।

Report :  Kapil Dev Maurya
Update: 2024-08-17 09:28 GMT

Jaunpur News (Pic: Newstrack)

Jaunpur News: प्रदेश की सरकार गरीब कल्याण की योजना चलाते हुए उसका लाभ आम जन तक पहुंचाने का दावा करती तो जरूर है लेकिन सरकारी कर्मचारियों के अजीबोगरीब कारनामों के कारण गरीब सरकार की योजना के लाभ से वंचित रह जाते हैं। इतना ही नहीं सरकार की योजना का लाभ पाने वाले गरीब को लाभ से वंचित करने के लिए उसको सरकारी अभिलेख में मृतक घोषित कर देते हैं।

अनोखा प्रदर्शन 

ऐसा ही एक मामला जनपद जौनपुर में तब प्रकाश में आया जब पीड़ित गरीब महिलायें जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी डीएम जौनपुर के पास एक तख्थी पर लिखा कर साहब मैं जिन्दा हूँ। तख्थी के साथ जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड़ के पास जन सुनवाई के दौरान पहुंची। महिलाओ के हाथ में तख्थी पर लिखे स्लोगन साहब मैं जिन्दा हूँ देखकर डीएम भी घबरा गये। महिलाओं को तुरंत अपने पास बुलाया और उनकी पीड़ा सुनते हुए समाज कल्याण विभाग के अधिकारी को तलब कर कड़ी फटकार लगाई और महिलाओं को मृत घोषित करने वाले के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया।

सरकारी कागज पर महिलाएं मृत

बता दें कि जनपद के विकास खण्ड जलालपुर क्षेत्र स्थित बीबनमऊ गांव की गरीब महिला शांति पत्नी स्व0 जयराम एवं केवला देवी पत्नी स्व0 श्रीराम निषाद को समाज कल्याण विभाग से विधवा पेंशन मिलती थी। विगत दो वर्षों से विधवा पेंशन मिलना बन्द हो गई। पेंशन बन्द होने के बाद दोनो वृद्ध महिलाएं समाज कल्याण विभाग सहित जिले के अधिकारियों के यहां पुन: पेंशन चालू कराने के लिए एडियां रगड़ रही थीं। लगभग दो साल बाद समाज कल्याण विभाग के लिपिक पियूष कुमार ने महिलाओं को बताया कि सरकारी अभिलेख में दोनों महिलाओं को गांव के सिक्रेटरी ने मृतक घोषित कर दिया है जिसके कारण पेंशन बन्द कर दी गयी है।

डीएम से अपील

अपने को सरकारी अभिलेख में मृतक घोषित होने के बाद दोनों पीड़ित महिलायें अपने क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य के माध्यम से अधिकारियों के यहां विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी एवं विकास भवन तक प्रत्यावेदन देते हुए अपने को जिन्दा साबित करने का प्रयास करती रही लेकिन किसी भी स्तर से महिलाओं को न्याय न मिलने पर अन्तिम अस्त्र के रूप में एक तख्थी पर स्लोगन लिखा साहब मै अभी जिन्दा हूँ और सीधे डीएम के कार्यालय में पहुंच गईं।

न्याय दिलाने की मांग

कार्यालय पहुंची महिलाओें ने कि हमें हमें न्याय दिला दीजिए साहब, तख्थी पर स्लोगन लिखा देखकर डीएम भी भौचक हो गए और तत्काल महिलाओ को अपने पास बुलाया तो सरकारी तंत्र की लापरवाही की पोल खुल गई। हालांकि डीएम ने तत्काल समाज कल्याण अधिकारी को तलब करके दोनों महिलाओं को वृद्धावस्था पेंशन देने का आदेश दिया साथ ही पूरे मामले की जांच का भी आदेश दिया ताकि लपरवाही करने वाले जिम्मेदार के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।                      

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