Jhansi: विश्व हृदय दिवस पर थीम यूज हार्ट फॉर एवरी हार्ट पर स्वास्थ्य विभाग ने आयोजित किया सेमिनार

Jhansi: विश्व हृदय दिवस 2022 की थीम "यूज हार्ट फॉर एवरी हार्ट" विषय पर हृदय रोग के प्राथमिक उपचार एवं बचाव विषय पर ज्ञानवर्धन हेतु एक ऑनलाइन सेमिनार आयोजित किया गया

Report :  B.K Kushwaha
Update:2022-09-28 19:11 IST

स्वास्थ्य विभाग ने आयोजित किया सेमिनार

Jhansi: भारत में कुल होने वाली मौतों में से 28.1 प्रतिशत मौतों का कारण कार्डियो वेस्कूलर डिजीज (Cardio Vesicular Disease) हैं, इन मौतों व इससे संबंधित विकलांगता को रोकने के लिये व्यापक स्तर पर जनजागरूकता की आवश्यकता है। उक्त बातें विश्व हृदय दिवस (world heart day) के अवसर पर आयोजित किये गये आनलाइन सेमिनार में डॉ. के.सी. राय अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य झांसी मण्डल (Dr. K.C. Rai Additional Director Medical Health Jhansi Circle) ने कहीं।

विश्व हृदय दिवस 2022 (world heart day) की थीम "यूज हार्ट फॉर एवरी हार्ट" विषय पर हृदय रोग के प्राथमिक उपचार एवं बचाव विषय पर ज्ञानवर्धन हेतु एक ऑनलाइन सेमिनार आयोजित किया गयाI सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में हृदय रोग विशेषज्ञ डा. निर्देश जैन व एम.एल.बी. मेडिकल कॉलेज की पब्लिक हैल्थ एक्सपर्ट डा. सुधा शर्मा ने झाँसी मण्डल के सभी जिला चिकित्सालयों, प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात चिकित्साधिकारियों व हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर तैनात सी.एच.ओ. से सीधा संवाद स्थापित किया।

सत्र के दौरान प्रतिभागियों द्वारा हृदय रोग संबंधी अनेक प्रश्न पूछे गये जिनका वक्ताओं द्वारा समाधान किया गया। डॉ. निर्देश ने बताया कि पहले उम्रदराज लोगो में हृदय से संबन्धित बीमारियाँ ज्यादा देखी जाती थी परंतु आजकल की जीवनशैली के चलते युवा भी इसके शिकार हो रहे हैंI युवाओं में बढ़ते हृदय रोगो का एक मुख्य कारण बढ़ता हुआ स्ट्रैस भी है।

किसने क्या कहा

डॉ. निर्देश जैन, हृदय रोग विशेषज्ञ ने बताया कि हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यहां तक कि अब युवाओं में हृदय रोग संबंधी समस्याओं के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हृदय रोग संबंधी लक्षणों की समय से पहचान बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि यदि छाती में दर्द (चेस्ट पेन) हो तो इसे हल्के में न लें, बल्कि जल्दी से जल्दी किसी स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचकर ई.सी.जी. कराएं, ताकि दर्द का सही कारण जाना जा सके।

उन्होंने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि ज्यादातर मामले इसलिये गंभीर हो जाते है कि लोग साधारण दर्द समझकर घरेलू उपचार में समय गवां देते हैं, जिससे बाद में रोग के प्रभाव की गंभीरता बढ़ जाती है। अत: सभी को चाहिये कि चेस्ट पेन की स्थिति में गोल्डन आवर (पहला घंटा) को गंभीरता से लें और यह भी ध्यान रखें कि दर्द कुछ देर में कम हो भी जाए तो भी खतरे को कम ना आंकें और समुचित चिकित्सकीय परीक्षण अवश्य कराएं। तीस वर्ष की उम्र के बाद नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने से रोगों के लक्षणों को जल्दी पहचाना जा सकता है जिससे उनका समय रहते इलाज हो सके।

दिनचर्या में बदलाव से कार्डियो वेस्कूलर डिजीज से बचा जा सकता है: डॉ. सुधा शर्मा

पब्लिक हैल्थ एक्सपर्ट डॉ. सुधा शर्मा ने बताया कि दिनचर्या में बदलाव से कार्डियो वेस्कूलर डिजीज से बचा जा सकता है। एक बार हृदय रोग संबंधी बीमारी होने पर जीवनभर तनाव व उसके खतरों के डर में जीना पड़ता है इसलिये बीमारी होने से पहले बचाव के उपायों को अपनाएँ जो कि उपचार से अधिक बेहतर है । उन्होंने यह भी बताया कि नियमित व्यायाम, कम वसायुक्त भोजन, धूम्रपान से दूरी, तनाव रहित जीवन व भरपूर नींद से हृदय संबंधी रोगों से बचा जा सकता है।

सेमिनार में ये रहे उपस्थित

सेमिनार के दौरान मण्डल के सभी मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालयों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, संयुक्त निदेशक डा. आर.के. सोनी, मो. अतीब, सुनील सोनी, धीरज, जयप्रकाश आदि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में झाँसी मण्डल के लगभग 200 चिकित्साधिकारी व सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। सेमिनार का संचालन मण्डलीय परियोजना प्रबंधक, एन.एच.एम. आनन्द चौबे ने किया।

हृदय रोग की सामान्य पहचान व लक्षण

हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, हाई कोलेस्ट्राल, सीने में दर्द, भारीपन, गले और जबड़े का दर्द, बहुत ज्यादा पसीना आना, चक्कर आना व पैरों में सूजन होना, थकान व कमजोरी, महसूस होना।

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