Election Of District Panchayat President: जनता देगी सपा का साथ: चंद्रपाल यादव

कृभको के चेयरमैन व पूर्व सांसद चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी बड़े अंतर से जीतेगी। चुनाव को जीतने के लिए समाजवादी पार्टी कोशिश में जुट गई है

Written By :  B.K Kushwaha
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-06-16 12:35 IST

Jhansi News: पंचायत चुनाव में मिली जीत ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ना सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ता बल्कि नेताओं में भी जोश भरने का काम किया। इसके बाद पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जुट गई है। पंचायत चुनाव के नतीजे में निर्दलीयों के बाद अगर किसी ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल की तो वो समाजवादी पार्टी थी।

बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के आ जाने से जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव जो मई में होने थे, उसे टाल दिया गया। इसके बाद समाजवादी पार्टी की सियासी गतिविधियां भी थोड़ी कम देखने को मिली। कोरोना के मामलों में कमी आते ही एक बार फिर से समाजवादी पार्टी इस कोशिश में जुट गई कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को कैसे जीता जाए और इसके लिए पार्टी ने अपनी रणनीति तैयार की जिसमें सपा ने बीजेपी में ही सेंध लगाने की रणनीति बनाई।

बीजेपी सरकार के कुशासन से ऊब चुके हैं लोग: यादव

कृभको के चेयरमैन व पूर्व सांसद चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी को बड़े अंतर से जीत मिलेगी। उनका अनुमान है कि बीजेपी और बसपा में चल रही खेमेबंदी का लाभ भी सपा को मिलेगा। इन दोनों पार्टी के जिस-जिस खेमे को टिकट नहीं मिलेगा, उस खेमे के जिला पंचायत सदस्य का सपा का ही साथ देंगे। उनका कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भी साबित कर देगा कि अब सपा आगामी दिनों में सरकार बनाने जा रही है। इस जिले में भी सपा ने जिपं सदस्य की सर्वाधिक सीट जीती हैं। सपा हर चुनाव में अब सफलता बढ़ाती जाएगी, क्योंकि आम लोग बीजेपी सरकार के कुशासन से ऊब चुके हैं। अब पूरे प्रदेश में सपा की लहर शुरु हो चुकी है। अन्य दलों में भी भगदड़ मची है। सपा जनता के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।

बीजेपी कर रही है सत्ता का दुरुपयोग 

नेताजी का कहना है कि पंचायत चुनाव में जनता ने यह बता दिया है कि 2022 में वह किसका साथ देगी, लेकिन अब जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। कई जगह पर समाजवादी पार्टी के सदस्य और निर्दलीय सदस्यों को डराया धमकाया जा रहा है। वह साफ तौर पर आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी शासन प्रशासन का गलत इस्तेमाल करके इन चुनाव को प्रभावित करेगी।

हालांकि ये बात भी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है कि बीजेपी ने इस पंचायत चुनाव को पहली बार इतनी आक्रमक तरीके से संगठन के स्तर पर लड़ा। वरना इससे पहले बीजेपी पंचायत चुनाव में संगठन स्तर तक जाकर नहीं लड़ती थी। जबकि समाजवादी पार्टी को इस चुनाव को लड़ने का पुराना अनुभव रहा है और इसने उसकी मदद की। हालांकि इस बात में भी कोई शक नहीं है कि इसे पूरी तरह से सत्ता का चुनाव माना है और सत्ता में रहते हुए जब बीजेपी की सीटें कम आयी तो फिर तमाम सारे सवाल खड़े हो गए। अब जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवारों की घोषणा करके एक बार फिर समाजवादी पार्टी इस तैयारी में है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा जिलों में अपने अध्यक्ष बनाए।

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