Jhansi News: SBI में 36 लाख का घोटाला, तत्कालीन शाखा प्रबन्धक समेत बैक कंर्मी जाएंगे जेल

Jhansi News: एसएसपी के आदेश पर 19 जुलाई 2021 को शहर कोटवाली में मुकदमा पंजीकृत हुआ था।

Report :  B.K Kushwaha
Update: 2024-02-09 09:18 GMT

Jhansi News: झांसी जनपद में सीपी मिशन कंपाउंड निवासी कमल किशोर राय की कोतवाली के सामने सत्यम ट्रेडर्स के नाम से जूते का शो रूम है, जिसमें तालपुरा निवासी कृष्णपाल उर्फ केपी राजपूत अकाउंटेंट का काम करते थे, उनके सहयोगी के रूप में दतिया गेट निवासी सपना शर्मा कार्यरतरत थी। सत्यम ट्रेडर्स का खाता भारतीय स्टेट बैंक शाखा मानिक चौक से संचालित होता था, जिसकी खाता धारक मीना टहलयानी है जो फर्म मालिक की पत्नी है । कृष्णपाल उर्फ केपी व सपना शर्मा ही फर्म की अर्थिक गतिविधियां बीते कई वर्षों से संचालित करते थे काफी समय से काम करने की वजह से फर्म मालिक का विश्वास भी जीत चुके थे।

अचानक कृष्णपाल उर्फ़ केपी के मन मे खोट आया और पहले खाते में दर्ज मोबाइल नम्बर को बैक कर्मियों के सहयोग से बदलवाकर अपना मोबाइल नम्बर फर्म स्वामी के अंधेरे में रखने के इरादे से बदलवा लिया, ताकि फर्म स्वामी में खाते में लेन देन का मैसेज न जाए और लेन देन की जानकारी न हो सके। आरोपीगणों द्वारा धीरे धीरे सत्यम ट्रेडर्स के खाते से चेक व आरटीजीएस के माध्यम से छत्तीस लाख रुपये अपने व अपनी पत्नी रेखा राजपूत, सहकर्मी सपना शर्मा, प्रेमनगर निवासी अपने मित्र गोविंद प्रकाश के खाते में हस्तान्तरित कर ली जिसे हाल ही में विवेचक उप निरीक्षक रूपेश कुमार द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

खाते से धनराशि आहरित होने की जानकारी फर्म स्वामी को तब हुई जब जेल में बंद कृष्णपाल का अपने सहयोगी कर्मी सपना शर्मा का विवाद हुआ और बात ज्यादा आगे बढ़ने पर सहकर्मी के थाना कोतवाली में छेड़छाड़ का मुकदमा पंजीकृत कराया कराया और अपने आप को बचाते हुए कृष्णपाल उर्फ केपी द्वारा खाते से धनराशि आहरित करने की जानकारी फर्म स्वामी को दी थी। तब फर्म स्वामी अवाक रह गए और इस आशय की जानकारी अपने अधिवक्ता आर सी दीक्षित को दी थी। तब फर्म स्वामी ने तत्कालीन एसएसपी को दी थी, एसएसपी के आदेश पर 19 जुलाई 2021 को शहर कोटवाली में मुकदमा पंजीकृत हुआ था।

एक के बाद एक विवेचक बदलते रहे इसी दौरान बीते अगस्त में उपनिरीक्षक रूपेश कुमार को नियुक्ति चौकी प्रभारी खण्डेराव के पद पर हुई थी और प्रकरण की विवेचना उनके सुपुर्द की गई जब विवेचक को प्रकरण को गति दी तभी सितम्बर के आखिरी सप्ताह में विवेचक का स्थानन्तरण चौकी प्रभारी भोजला के पद पर हो गया, इसी दौरान मुकदमा वादी ने अपनी समस्या मौजूदा एसएसपी राजेश एस को अपनी समस्या बताई और प्रकरण की विवेचना मौजूदा विवेचक से ही संपादित कराये जाने का अनुरोध किया तब एसएसपी के निर्देश पर विवेचना थाना कोतवाली से थाना सीपरी बाजार स्थानन्तरित की गई इसी दौरान विवेचक का स्थान्तरण थाना मोठ कर दिया गया तब पुनः वादी के अनुरोध पर एक बार फिर मुकदमे की विवेचना थाना मोठ में नियुक्त उनि रूपेश कुमार के सुपुर्द की गई।

मुकदमा वादी बैक कर्मियों की मिलीभगत की जांच कराए जाने के लिए बार बार उच्च अधिकारियों से मिलकर अभियुक्त बनाये जाने की मांग करते रहे। उच्चाधिकारियो के निर्देश पर वादी के बार बार प्रत्यावेदन दिए जाने पर विवेचक ने बैक कर्मियों की मिलीभगत की जांच प्रारम्भ की तो हैरान करने वाले साक्ष्य मिले जिनके आधार पर विवेचक ने भारतीय स्टेट बैंक शाखा प्रबंधक मानिक चौक सचिन राय से मूल चेक, आरटीजीएस फर्म, खाता धारक का मूल फार्म, मोबाइल नम्बर चेंज करने का आवेदन आदि अभिलेख उपलब्ध कराए जाने की मांग की। लेकिन, ये सब कुछ इतना आसान नही था। शाखा प्रबंधक ने तमाम नियम कानून का हवाला देकर टरकाते रहे। लेकिन विवेचक लगातार शाखा प्रबंधक और क्षेत्रीय प्रबंधक से पत्राचार करते रहे तब जाकर मांगे गए अभिलेख प्राप्त हुए तब विवेचक ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में खाता धारक से दस पेज नमूना लेकर सभी अभिलेख क्षेत्राधिकारी नगर के माध्यम से विधि विज्ञान प्रयोगशाला हस्ताक्षर की जांच हेतु भेजा गया। 

तब हैरान करने वाली रिपोर्ट आई, जिस पर स्पष्ट लिखा है कि खाता धारक द्वारा चेक व आरटीजीएस फार्म व मोबाइल नम्बर बदलने वाले फार्म पर हस्ताक्षर नही किये तब विवेचक द्वारा बिना खाता धारक के आवेदन के मोबाइल। नम्बर बदलने वाले और हस्ताक्षर का मेल कराये बिना चेक का भुगतान करने वाले तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुनील श्रीवास्तव, उप शाखा प्रबंधक विश्वपति पहारिया, एकाउंटेंट श्याम सुंदर गोरख, सीनियर असिस्टेंट सुंदर राजन, कनिष्ठ लिपिक सुरेश भालचंद्र करनदीकर एवम कस्टमर एसोसीएट समीर सुधाकर को अभियुक्त बनाते गिरफ्तारी के प्रयास करने शुरू कर दिए वही अन्य बैंक कर्मियो की मिलीभगत की जांच जारी रखी अभी और किंतने कंर्मी जालसाजी में आते है ये तो जांच का विषय है।

वहीं, एक साथ इतने बैक कंर्मीयो को अभियुक्त बनाये जाने से बैक अधिकारी हैरान है। वही प्रकरण की गंभीरता हो देखते हुए अदालत ने अब तक जमानत नही दी है जो ढाई साल से जिला कारागार झाँसी में कैद है। जबकि साथी अभियुक्त गण रेखा राजपूत,सपना शर्मा की जमानत हो चुकी है। वहीं अभियुक्त गोविंद प्रकाश जिला कारागार झाँसी में निरुद्ध है। विवेचक ने बैक कर्मियों की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए है जिससे बैक कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है और अपने बचाव का प्रयास कर रहे है बैक कर्मियो का यह कहना कि हमारी मिलिभगत नही है। हम निर्दोष है यह कहना गले नही उतर रहा है यह महज संयोग नही हो सकता कि जिस ब्यक्ति का मोबाइल नम्बर बदलकर दर्ज किया जाय फिर उसी और उसके साथी अभियुक्त गणो के खाते में धनराशि हस्तान्तरित कर दी जाय।

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