Jhansi News: रेलवे के मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक की फाइल कहां गई, पता नहीं?
Jhansi News: मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक की जांच करने आए विजिलेंस इंस्पेक्टर की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध नजर आई है। इस आधार पर रेलवे प्रशासन ने विजिलेंस इंस्पेक्टर (स्वास्थ्य) विष्णु कुमार को हटाकर वापस स्वास्थ्य विभाग भेज दिया है।;
रेलवे के मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक की फाइल कहां गई, पता नहीं? (Photo- Social Media)
Jhansi News: झांसी। जाली मार्कशीट के सहारे नौकरी कर रहे मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक की फाइल को लेकर कार्मिक और रेलवे के स्वास्थ्य विभाग में ठन गई है। दोनों विभागों के अफसर अब तक उक्त मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक की फाइल का पता लगाने में पूरी तरह से नाकाम नजर आ रहे हैं। वहीं, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक की जांच करने आए विजिलेंस इंस्पेक्टर की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध नजर आई है। इस आधार पर रेलवे प्रशासन ने विजिलेंस इंस्पेक्टर (स्वास्थ्य) विष्णु कुमार को हटाकर वापस स्वास्थ्य विभाग भेज दिया है।
मालूम हो कि बी पी श्रीवास्तव औऱ डी एस पिप्पल ने उप महाप्रबंधक (सतर्कता) उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज को शिकायती पत्र देते हुए बताया था कि उत्तर मध्य रेलवे चिकित्सालय झांसी में प्रदीप कुमार जैन स्वास्थ्य निरीक्षक के पद पर जाली मार्कशीट के सहारे नौकरी कर रहे हैं। उनके खिलाफ रेलवे प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। मंगलवार को विजिलेंस टीम ने मंडलीय रेलवे अस्पताल में अचानक छापेमार की कार्रवाई की। इस कार्रवाई से वहां हड़कंप मचा है। विजिलेंस टीम को जैन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है। एेसी संभावना है कि मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, रेल प्रशासन ने 8 जून 2007 से मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक के प्रमोशन पर रोक लगा दी थी।
इस तरह के हैं कारनामा
प्रथम मार्कशीट बीएसी द्वितीय रोल नंबर 27531 डीवी कालेज उरई केंद्र की जो वर्ष 1988 में जैन द्वारा विभाग को प्रेषित की गई जिसमें प्राप्तांक कुल योग-264 है, पर इनकी अंक सूची में योह 267 कैसे?। द्वितीय अंक सूची बीए द्वितीय वर्ष जिसे 1986 में जारी किया रोल नंबर 23534 है। तृतीय अंक सूची रोल नंबर 60456 वर्ष 1988 में डीवी कालेज उरई से ही जारी प्राप्तांक 264।
इस नंबर की अंक सूची बुविवि में नहीं है
बुन्देलखंड विश्वविद्यालय झांसी से उक्त अंक सूची की जांच करवाई गई तो पता चला कि जैन द्वारा वर्ष 1986 में बीए की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद एक ही सत्र वर्ष 1988 में बीएससी द्वितीय वर्ष एक ही केंद्र डीवी कालेज उरई से परीक्षा में सम्मिलित होने के भिन्न दो अलग- अलग रोल नंबर 27531 एवं 60456 की मार्कशीट विभाग को प्रेषित की। इन रोल नंबर की मार्कशीट वहां पर नहीं है।
एक और कारनामा
जैन वर्ष 1986 से लगातार वर्ष मार्च 1989 तक ग्वालियर स्टेशन पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक झांसी के आदेशानुसार सब्सीट्यूड सिनेटरी सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत रहे हैं। अतैव ग्वालियर स्टेशन पर कार्यरत होने के दौरान भी उरई डीवीसी कालेज से पदस्थापना अवधि वर्ष 1988 एवं 89 की बीएससी परीक्षा संस्थागत रहकर कैसे अध्ययन किया। वह अपने आप में हास्यापद है।
रेलवे प्रशासन को लिखकर दे चुके हैं कि प्रमाण पत्र खो चुके है
बताया गया है कि मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक रेलवे प्रशासन को यह लिखकर दे चुके हैं कि इनके प्रपत्र खो चुके है। विभाग को कहते है कि मुझे मेरे द्वारा पूर्व में प्रस्तुत प्रमाण पत्रों की वर्ष एवं रोल नंबर से अवगत कराया जाए ताकि मैं दूसरी प्रमाण पत्र बनवा सकूं। चूकिं उसके प्रमाण पत्र खो चुके हैं। देखे स्वय का लिखा विभाग को दिया गया पत्र।
कहां है फाइल विभागों को पता नहीं
मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक की फाइल के मामले में जब जांच शुरु हुई तो रेलवे का स्वास्थ्य विभाग कहता है कि फाइल कार्मिक विभाग के पास है, जबकि कार्मिक विभाग कहता है कि फाइल स्वास्थ्य विभाग के पास है। मगर दोनों विभाग अब तक फाइल ढूंढ नहीं पाया है। इसको लेकर दोनों विभाग के अफसरों में ठनी है। मालूम हो कि मंडल रेल प्रबंधक (कार्मिक) ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को 24 जनवरी 2025 को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में कहा है कि सतर्कता विभाग मुख्यालय के द्वारा प्रदीप कुमार जैन पदनाम मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक अधीन सीएमएस झांसी के शैक्षिक दस्तावेजों की मांग की गई है जो कि इस कार्यालय में उपलब्ध रिकॉर्ड में अप्राप्त है जिसके लिए 27 दिसंबर 2024 को इस कार्यालय से पत्र भेजकर सूचित करवाया गया था जिसके बारे में अभी तक कोई भी जानकारी एवं दस्तावेज इस कार्यालय में प्राप्त नहीं हुए हैं।