Jhansi News: प्रदर्शित चित्रों की वैचारिकी उत्तम : कालिदास
Jhansi News: राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी के समापन अवसर पर प्रसिद्ध चित्रकार कालिदास ने प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि इस कला प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्र की वैचारिकी उत्तम दर्जे की है।
Jhansi News: कला सोपान और सृजन दी ड्राइंग एंड पेंटिंग क्लब बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का समापन आज उज्ज्वल कला दीर्घा वागातोर में हुआ। इस कला प्रदर्शनी ने 30 से अधिक कलाकारों के चित्रों को प्रदर्शित किया गया। राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी के समापन अवसर पर प्रसिद्ध चित्रकार कालिदास ने प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि इस कला प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्र की वैचारिकी उत्तम दर्जे की है। विषयवस्तु का चयन बहुत ही सार्थकता के साथ किया गया है। कला प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्र समय, समाज और संस्कृति के अनुकूल बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कला का उद्देश्य लोगों को मार्गदर्शित करना है। यह समाज को सही राह पर चलने के लिए प्रेरित करती है। कला प्रदर्शनी के समापन अवसर पर कालिदास ने चित्र बनाकर प्रतिभागियों को चित्रकारी के गुण सिखाए।
सप्तम सोपान "सप्तवर्ण" राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का हुआ समापन
कला प्रदर्शनी की संयोजक एवं कला सोपान की अध्यक्ष डॉ. श्वेता पांडेय ने कहा कि कला सोपान हर साल सोपान के अंतर्गत कला प्रदर्शनी का आयोजन करता है। यह सातवां सोपान है जिसमें देश के कई राज्यों के कलाकार प्रतिभाग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस कला प्रदर्शनी का आयोजन सृजन दी ड्राइंग एंड पेंटिंग क्लब बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। डॉ. पांडेय ने बताया कि इसके पूर्व जबलपुर, नई दिल्ली, जयपुर, झांसी एवं कई स्थानों पर सफलतापूर्वक कला प्रदर्शनी का आयोजन किया है।
उन्होंने बताया कि संगठन कला और संस्कृति के प्रोत्साहन के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। सृजन दी ड्राइंग एंड पेंटिंग क्लब के सह संयोजक एवं कला सोपान के सचिव डॉ. उमेश कुमार ने बताया कि सृजन क्लब जहां बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के विद्यार्थियों की कलात्मक अभिव्यक्ति को एक नया आयाम देने का कार्य कर रहा है वहीं कला सोपान विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित कलाकारों से संपर्क स्थापित करने और कला की नवीनतम विधाओं को सिखाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस कला प्रदर्शनी में लोक कला के साथ ही साथ आधुनिक कला को भी प्रदर्शित किया गया है।
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प्रतिभागी नंदनी ने कहा कि कला प्रदर्शनी में कला विशेषज्ञों द्वारा दिया गया सुझाव और मार्गदर्शन बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे आगे बनाने वाले चित्रों में उपयोग किया जाएगा। इस अवसर पर अपना मत व्यक्त करते हुए निकेता ने कहा कि कला सोपान और सृजन दी ड्राइंग एंड पेंटिंग क्लब द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी अपनी कला को लोगों तक पहुंचाने में कामयाब रही है। उन्होंने कहा कि कला प्रेमियों से मिली टिप्पणी आगे के लिए सहायक सिद्ध होगी। समापन सत्र का संचालन डॉ. उमेश कुमार और आभार बृजेश पाल ने व्यक्त किया। इस अवसर पर रेखा आर्या, पार्थ बाली, मेघा कुशवाहा, सुमित झा, सपना श्रीवास एवं अन्य उपस्थित रहे।