Jhansi News: पुलिस को देख जुआरियों में मची भगदड़, सूखे कुएं में गिरकर एक जुआरी की मौत
Jhansi News: टहरौली थाना क्षेत्र में पुलिस को देख जुआरियों में भगदड़ मच गई। जिसमें भागते समय एक जुआरी जंगल में बने सूखे कुएं में गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
Jhansi News: टहरौली थाना क्षेत्र में पुलिस को देख जुआरियों में भगदड़ मच गई। जिसमें भागते समय एक जुआरी जंगल में बने सूखे कुएं में गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
टहरौली थाना पुलिस को पता चला कि ग्राम रोरा के जंगल में जुए का अड्डा चल रहा है। सूचना को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस बताए गए स्थान पर छापा मारने पहुंची। पुलिस ने देख जुआरियों में भगदड़ मच गई। इसी भगदड़ में एक जुआरी वहां बने सूखे कुएं में गिर गया। इसकी जानकारी होते ही वहां हड़कम्प मच गया। देखते ही देखते वहां भीड़ इकट्ठा हो गई। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकाला। मृतक की रामू राजपूत (42) के रुप में शिनाख्त हुई।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक (नगर) ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि टहरौली थाना क्षेत्र के ग्राम रोरा से लगभग 500 मीटर दूर जंगल में बने सूखे कुएं में रामू नाम का व्यक्ति गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को बाहर निकालवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मरते-मरते बना कर्जदार... एम्बुलेंस संचालक का रोंगटे खड़े कर देने वाला पूरा सच
गांव से निकला था कमाने परदेश के लिए, सोचा था लौट कर घर आऊंगा तो कुछ कर्ज चुका दूंगा और बच्चों को नए कपड़े दिला दूंगा। लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। यह कहानी है बिहार के रहने वाले उस व्यक्ति कि जो तीन माह पहले कमाने के लिए कर्नाटक गया था और अब उसकी लाश गांव लौट रही है वह भी कर्ज लेकर।
बता दें कि परविंद उरांव निवासी मदरहनी भैरागंज पश्चिमी बिहार कनार्टक के वेलगांव की गन्ना फैक्ट्री में काम करता था। उसके साथ 17 अन्य साथी भी काम करते थे। परविंद के फूफा महेन्द्र उरांव और साथी रवि का कहना है कि वह सभी नवम्बर माह में काम करने वेलगांव गए थे। जहां से काम खत्म होने के बाद वापस अपने गांव लौट रहे थे। जिसके लिए वह सभी वेलगांव से झाँसी आ रही ट्रेन के जनरल कोच में बैठ गए। ट्रेन जब भोपाल के पास चल रही थी तो उन्होंने समोसे खाए और परविंद ने केवल पानी पिया और सो गया। वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन झाँसी आने पर जब उसे नींद से जगाने का प्रयास किया तो वहीं जागा। वह घबरा गए, झांसी पर उतरने के बाद जब रेलवे डॉक्टर ने उसका परीक्षण किया तो उन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया। जीआरपी ने शव को कब्जे लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।
मृतक के साथियों ने बताया कि शव जब जीआरपी थाने में रखा तभी एक एम्बुलेंस आई। जिसके चालक ने उसके मालिक से किराया तय किया। झाँसी से गांव तक शव ले जाने के लिए उनसे 40 हजार रुपया किराया मांगा गया। जिस पर उन्होंने उस एम्बुलेंस मालिक को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने जबकि मृतक केवल कर्नाटक से 30 हजार रुपये ही कमा कर अपने गांव जा रहा था। मजबूर होकर हम सभी एम्बुलेंस मालिक द्वारा मांगे गए किराए पर शव को लेकर जाने के लिए तैयार हो गए और उन्हें आश्वासन दिया किया गांव पहुंचकर वह किसी से 10 हजार रुपए का कर्ज लेकर उन्हें पूरा किराया दे देंगे।
चाचा की त्रयोदशी से पहले भतीजे की मौत
ड्यूटी पर डायमंड सीमेंट फैक्ट्री गए कर्मचारी की अचानक तबीयत बिगड़ गई। इससे पहले कोई कुछ समझता उनकी मौत हो गई। मृतक के चाचा की आज त्रयोदशी थी, उससे पहले ही यह घटना हो गई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
बड़ागांव थाना क्षेत्र के ग्राम मड़ोरा में रघुवीर प्रसाद कुशवाहा परिवार समेत रहता था। परिजनों के मुताबिक उसके तीन बच्चे हैं, तीनों शादी हो गई है। रघुवीर डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में काम करता था। विगत रात्रि करीब साढ़े नौ बजे वह ड्यूटी के लिए घर से निकला। डायमंड फैक्ट्री में अभी उसने ड्यूटी शुरु की ही थी कि अचानक उसे घबराहट आने लगी और तबीयत बिगड़ गई।
जानकारी होते ही आनन-फानन में उसे फैक्ट्री के अस्पताल ले गए। जहां हालत गम्भीर होने पर मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के परिजनों ने बताया कि आज उसके चाचा की त्रयादशी थी। घर में त्रयोदशी को लेकर तैयारियां चल रही थी कि यह दुःखद हादसा हो गया।