Jhansi News: सरसों की खेती कर तेल का उत्पादन करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं किसानः कुलपति

Jhansi News: मुख्य अतिथि कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में किसान सरसों की खेती कर तेल का उत्पादन करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं, साथ ही तेल उत्पादकता बढ़ाकर भारत के तेल आयात को कम कर अपनी बड़ी भागीदारी कृषि में दे सकते हैं।

Report :  B.K Kushwaha
Update:2024-02-02 19:04 IST

कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा- सरसों की खेती कर तेल का उत्पादन करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं किसान: Photo- Newstrack

Jhansi News: रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्विद्यालय में एससी एसपी परियोजना के अन्तर्गत चल रहे पांच दिवसीय सरसों प्रशिक्षण का आज समापन हुआ। कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह के मुख्य आतिथ्य में किया गया। विशिष्ट अतिथि निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एसएस सिंह व अधिष्ठाता कृषि डॉ आर के सिंह रहे।

सरसों में पांच दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ समापन

कार्यक्रम संयोजक डॉ अर्तिका सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि इन पांच दिवसीय प्रशिक्षण में किसानों को शस्य विज्ञान उत्तम गुणवत्ता के बीज , उचित खाद दर, बुबाई का समय, रोग एवं कीट प्रबन्धन के बारे में प्रशिक्षण दिया। बीज भंडारण कैसे किया जायें इसकी जानकारी किसानों को दी गई। अधिष्ठाता कृषि डॉ आरके सिंह ने किसानों को बीज गुणवत्ता के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एसएस सिंह ने किसानों को सरसो का महत्व व उन्नत पैदावार कम लागत में ज्यादा पैदावार करके अपने जीवन स्तर को कैसे सही कर सकते हैं इस संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। मुख्य अतिथि कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में किसान सरसों की खेती कर तेल का उत्पादन करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं, साथ ही तेल उत्पादकता बढ़ाकर भारत के तेल आयात को कम कर अपनी बड़ी भागीदारी कृषि में दे सकते हैं। इस अवसर पर डॉ विजय कुमार मिश्रा, डॉ अनुसुइया पांडा, डॉ विश्वनाथूर, डॉ योगेंद्र मिश्रा उपस्थित रहे। वैज्ञानिक डॉ राकेश चौधरी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झाँसी में हुआ शहद निष्कासन का शुभारम्भ

रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झाँसी में कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह के द्वारा पहली बार शहद निष्कासन की शुरुआत की गई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में यह पहला कदम है। मधुमक्खी पालन कर किसान अपनी फसलोत्पादन कर आय में वृद्धि कर सकते हैं, साथ ही साथ अन्य मधुमक्खी गृह उत्पाद जैसे शहद, परागकण, प्रोपोलिस, रॉयल जेली, मधुमक्खी विष जैसे बहुमूल्य उत्पाद लेकर अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं।

आज के इस कार्यक्रम में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एसएस सिंह, अधिष्ठाता कृषि डॉ आरके सिंह, निदेशक शिक्षा डॉ अनिल कुमार , पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ एसएस कुशवाह , डॉ योगेश्वर सिंह , डॉ प्रशांत जाम्भुलकर, डॉ श्रीधर पाटिल, डॉ डीबी आहूजा, डॉ हरी चन्द तथा अन्य शिक्षकगण डॉ ऊषा (प्रमुख अन्वेषक ), डॉ सुंदरपाल, डॉ एम सोनिया देवी, डॉ विजय कुमार मिश्रा, डॉ योगेंद्र मिश्रा एवं कर्मचारीगण मौजूद रहे।

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