Kalyan Singh: कल्याण सिंह ने कराया था STF का गठन, श्रीप्रकाश शुक्ल से लेकर विकास दुबे को मार गिराने का किया काम
उत्तर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था में सबसे आगे रहने वाले सुरक्षा बल एसटीएफ ने आज अपनी जो पहचान बनाई है। उसके पीछे पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की ही भूमिका रही है।
Lucknow: उत्तर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था में सबसे आगे रहने वाले सुरक्षा बल एसटीएफ ने आज अपनी जो पहचान बनाई है। उसके पीछे पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की ही भूमिका रही है। अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में कल्याण सिंह ने 1998 में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कराया था। इसके बाद कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला को पुलिस ने अरुण कुमार झा के नेतृत्व में गाजियाबाद में मार गिराया था।
दरअसल नब्बे के दशक में पूर्वांचल का पूरा क्षेत्र अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा था। उसी दौरान 1997 के आसपास एक नए अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ल का जन्म हुआ जो पांच साल तक आतंक का पर्याय बन गया था। हाल यह था कि श्रीप्रकाश शुक्ल का नाम सुनते ही पुलिस के भी हाथ पांव फूलने लगते थे।
पूर्वांचल से लेकर बिहार तक राजनेताओं के मर्डर हो रहे थे
पूर्वांचल से लेकर बिहार तक राजनेताओं के मर्डर हो रहे थें। श्रीप्रकाश शुक्ल के हौसले इतने बुलन्द हो गए थे कि उसने मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को मारने के लिए भी सुपारी ले ली थी। बताया जाता है कि उस समय भाजपा के अंदर चल रहे आपसी मतभेद के चलते कुछ पार्टी नेताओं ने ही श्रीप्रकाश शुक्ला को संरक्षण देने का काम किया। जिसके उसके हौसले बुलन्द होते गए और उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को मारने के लिए छह करोड़ रुपए की सुपारी ली।
फिर जब इसकी जानकारी कल्याण सिंह को लगी तो उन्हांने एडीजी अजयराज शर्मा से तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों और कर्मियों वाली स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कराया। इसके बाद अरुण कुमार राजेश पाण्डेय आदि पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में 22 सितम्बर 1998 को श्रीप्रकाश शुक्ल को मार गिराया गया। इसके बाद भी एसटीएफ ने कई अपराधियों को मार गिराने में सफलता पाई फिर चाहे वह निर्भय गुर्जर हो ददुआ हो अथवा ठोकिया हो। अभी पिछले साल ही कानपुर में अपराध का पर्याय बना विकास दुबे भी एसटीएफ के हाथों मारा जा चुका है।