Kalyan Singh: श्रीप्रकाश शुक्ला ने हत्या करने के लिए ली थी करोड़ो की सुपारी, फिर कल्याण सिंह ने किया ये काम
Kalyan Singh: गोरखपुर के माफिया श्रीप्रकाश शुकला ने 1997 में 6 करोड़ रुपये में कल्याण सिंह के हत्या की सुपारी ली थी। जिसके बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था।
Kalyan Singh: गोरखपुर के माफिया श्रीप्रकाश शुकला ने 1997 में 6 करोड़ रुपये में कल्याण सिंह के हत्या की सुपारी ली थी। जिसके बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। श्रीप्रकाश को मारने के लिए ही 1998 में STF का गठन हुआ। सर्विलांस के जरिये एसटीएफ श्रीप्रकाश तक पहुंची। एसटीएफ ने पहला एनकाउंटर श्रीप्रकाश शुक्ला का ही किया।
श्रीप्रकाश को ढेर करने के लिए 4 मई 1998 को STF का गठन हुआ। यूपी पुलिस के तत्कालीन एडीजी अजयराज शर्मा ने राज्य पुलिस के बेहतरीन 50 जवानों को चुनकर स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) बनाई। इस फोर्स का पहला टास्क श्रीप्रकाश शुक्ला को जिंदा या मुर्दा पकड़ना था। इस बीच 23 सितंबर 1998 को एसटीएफ के प्रभारी अरुण कुमार को सूचना मिली कि श्रीप्रकाश दिल्ली से गाजियाबाद की तरफ आ रहा है।
जैसे उसकी कार इंदिरापुरम के सुनसान इलाके में दाखिल हुई। एसटीएफ ने उसे घेर लिया। श्रीप्रकाश शुक्ला को सरेंडर करने को कहा गया लेकिन वह नहीं माना और फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में श्रीप्रकाश मारा गया।
यह है श्रीप्रकाश की कहानी
गोरखपुर का डॉन श्रीप्रकाश अपराध और ताकत की सीढ़ियां इस तेजी से चढ़ा, जिस तेजी से GTA वाइस सिटी के मिशन पूरे किए जाते हैं। बहन को छेड़ने वाले का मर्डर करके वह बदमाश बना। देखते ही देखते वह कुछ ही दिनों में बन गया इंडिया का मोस्ट वांटेंड श्रीप्रकाश शुक्ला। श्रीप्रकाश शुक्ला गोरखपुर के मामखोर गांव का रहने वाला था। शहर में वह परिवार के साथ दाउदपुर मोहल्ले में रहता था।
जिस मकान में आज सीआईडी का दफ्तर है। वह कभी श्रीप्रकाश का घर हुआ करता था। पिता शिक्षक थे। साल 1993 में महज 20 साल की उम्र में ही उसका नाम पुलिस रिकॉर्ड में पहली बार आया। शहर के सेंट एंड्रयूज कॉलेज के राकेश तिवारी नाम के युवक ने श्रीप्रकाश की बहन को देखकर तंज कस दी। श्रीप्रकाश ने उसे तत्काल मार डाला और पुलिस से बचने के लिए बैंकॉक भाग गया।
वीरेंद्र शाही की हत्या कर बन गया क्राइम की दुनियां का बेताज बादशाह
महाराजगंज के लक्ष्मीपुर का विधायक वीरेंद्र शाही की 1997 की शुरुआत में श्रीप्रकाश ने लखनऊ शहर में गोलियों से भून दिया। इस घटना के बाद बड़े-बड़े माफियाओं ने उसके खौफ से घरों से निकलना बंद कर दिया। श्रीप्रकाश ने अपनी हिट लिस्ट में दूसरा नाम रखा कल्याण सरकार में कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी का। जो चिल्लूपार विधानसभा सीट से 15 सालों से विधायक थे।