Lok Sabha Election 2024: "अखिलेश यादव पर दर्ज हो एफआईआर" सुब्रत पाठक

Kannauj News: कन्नौज में कल हुई सपा की प्रेसवार्ता के बाद सियासत गर्मा गई है। आज सुब्रत पाठक ने प्रेसवार्ता कर अखिलेश यादव पर पलटवार किया है।

Update: 2024-04-03 12:35 GMT

प्रेसवार्ता करते सुब्रत पाठक। (Pic: Newstrack)

Kannauj News: भाजपा सांसद और लोकसभा प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने आज प्रेसवार्ता की। कल अखिलेश यादव द्वारा किए गए प्रेसवार्ता पर उन्होंने जवाब दिया है। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। अखिलेश यादव और सपा की सरकार पर उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए सपा प्रमुख पर एफआईआर की मांग की है। 

सपा के जवाब में भाजपा की प्रेसवार्ता

कल सपा द्वारा किए गए प्रेसवार्ता के जवाब में आज सुब्रत पाठक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस प्रकार से अखिलेश यादव जी कन्नौज आये और आने के बाद मीडिया के माध्यम से जो विषय सामने आये हैं उन्हीं को लेकर आज भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रेस कान्फ्रेंस को रखा गया। अखिलेश के मंच से उनके बैठे होने के बावजूद अभद्र भाषा का प्रयोग हुआ। उन्होंने कहा कि मेरे लिए तो समाजवादी पार्टी और उनके नेताओं का अभद्र भाषाओं का प्रयोग करना कोई नई बात नहीं है लेकिन जिस प्रकार से एक जाति विशेष के लिए संविधान में प्रतिबंधित शब्द है, उसका इस्तेमाल करके सामंतवादी सोच दर्शाई गई। जिसपर अखिलेश स्वयं ताली पीटते रहे। यह बहुत दुखद और निंदनीय है। पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते उत्तर प्रदेश के अभिभावक का एक दर्जा उनको प्राप्त है। इससे प्रदेश में सभी जाति वर्ग के लोग आते हैं। 

सपा करती है तुष्टिकरण की राजनीति

समाजवादी पार्टी के चरित्र में ही तुष्टिकरण है। वो इस हद तक तुष्टिकरण करते थे कि विशेष वर्ग के आतंकवादी को भी रिहा कर देते थे। जाति देखकर दंगाइयों पर कार्रवाई सुनुश्चित किया जाता था। माफियाओं को पल्लवित पोषित किया गया। अब माफियाओं को यदि मुठभेड़ में या स्वभाविक मृत्यु पर आंसू बहाते हैं। मुझे लगा था कि अखिलेश यादव कन्नौज आएंगे और अपना प्रत्याशी घोषित करेंगे। लेकिन उन्होंने अब तक न अपना नामांकन किया है न ही कोई उम्मीदवार घोषित किया है। सामजवादी पार्टी के कार्यकर्ता इस तरह भईया आ रहे हैं का नारा लगाते हैं जैसे हम ड़र कर यहां से चले जाएंगे। मगर अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं कर सके हैं।

सांसद ने बताई 2012 में डिंपल के निर्विरोध की कहानी

सुब्रत पाठक ने कहा कि 2012 में डिंपल यादव यहाॅं से निर्विरोघ सांसद कैसे बनी थीं यह सभी को पता है। सपा के गुंडों ने कलेक्ट्रेट में किसी को जाने नहीं दिया, नॉमिनेशन नहीं करने दिया। अन्य पार्टी के उम्मीदवारों का ऑनलाइन नॉमिनेशन होने के बाद भी फार्म फाड़ दिया गया था। इसको लेकर अभी भी जांच हो रही है। इस तरह से डिंपल यादव को निर्विरोध चुना गया गया था।

समाजवादी सरकार ने भाजपा प्रत्याशी सुब्रत को भेजा था जेल

सपा प्रत्याशी ने कहा कि 2014 के चुनाव में मुझे सपा के एजेंटो ने मुझसे चुनाव न लड़ने को कहा। कई तरह के प्रलोभन दिए गए। मगर भाजपा से टिकट मिलने पर मैने चुनाव लड़ा। क्योंकि मैं किसी विशेष परिवार से नहीं था इसलिए मुझपर झूठे आरोप लगाए गए। मुझपर ताजिया के चंदे की चोरी का आरोप लगाया गया। मेरी हत्या का प्रयास किया गया। 120बी, 302 और गैंगेस्टर जैसा तमाम धाराएं लगाई गईं। मेरे पाॅंच पीढ़ियों में किसी प्रकार से 151 का मुकदमा तक किसी के ऊपर दर्ज नही हुआ है। मेरे परिवार को रात में पहुंचकर पुलिस ने परेशान किया। मैं जेल में भी रहा। सभ्य परिवार से होने पर मुझपर ऐसे आरोप लगाए गए जिसका कोई प्रमाण नहीं मिला। ऐसे आरोपों को लगाना और झूठ फैलाना इनकी आदत है। इस प्रकार से घृणित शब्दों का प्रयोग अखिलेश के माध्यम से हुआ और साथ-साथ मुझे जान से मारने की धमकी भी उनके सामने दी गई। मैं चुनाव आयोग को मांग करता हूं कि एफआईआर होनी चाहिए।

अखिलेश पर एफआईआर की मांग

उन्होंने कहा कि मै मांग चुनाव आयोग से अखिलेश यादव पर एफआईआर की मांग करता हूं। उन्हीं के इशारे पर इस प्रकार की टिप्पणी की जाती है। हमलोग ज्ञापन देंगे कि अखिलेश यादव पर एससी एक्ट की भी कार्यवाही होनी चाहिए। उनके इशारे पर अनुसूचित समाज का अपमान किया गया है। 

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