कानपुर हैवानियत: झोपड़ी में जिंदा जल रही मां-बेटी माँगती रही जान की भीख, दबंग कहते रहे... सबको जला दो, 23 लोगों के ख़िलाफ FIR

Kanpur Dehat Mother Daughter Burnt Case: सोमवार 13 फरवरी को कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र स्थित मड़ौली गांव में पुलिस-प्रशासन के अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई में एक महिला और उसके बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई थी।

Update: 2023-02-14 06:02 GMT

Kanpur Dehat Mother Daughter Burnt Case 

Kanpur Dehat Mother Daughter Burnt Case: सोमवार 13 फरवरी को कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र स्थित मड़ौली गांव में पुलिस-प्रशासन के अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई में एक महिला और उसके बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। इस घटना के बाद यूपी सरकार की बुलडोजर नीति एकबार फिर सवालों के घेरे में है। जिला प्रशासन ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए लेखपाल को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रूरा थाने में आरोपियों के विरूद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। पीड़ित परिवार ने कानपुर कमिश्नर से मुलाकात कर कई मांगों वाला एक मांग पत्र सौंपा है। 

क्या है पूरा मामला 

कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र स्थित मड़ौली गांव में रहने वाले कृष्ण गोपाल दीक्षित पर ग्राम समाज की जमीन अतिक्रमण करने का आरोप है। जनवरी में राजस्व विभाग की टीम ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने का मामला दर्ज कराया था। कल यानी सोमवार को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में राजस्व विभाग, पुलिस और प्रशासन की टीम वहां अतिक्रमण हटाने पहुंची। टीम ने जमीन पर बनी दीक्षित की झोपड़ी पर बुलडोजर चलवा दिया। इस कार्रवाई को लेकर परिवार और प्रशासन के बीच नोंकझोंक भी हुई। 

मां और बेटी झोपड़ी में जिंदा जली

इस दौरान ही झोपड़ी में आग लग गई। कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दौड़कर झोपड़ी के अंदर जाती है और दरवाजा बंद कर लेती है। अंदर उनकी 23 वर्षीय बेटी नेहा भी मौजूद रहती है। दोनों अंदर ही जिंदा जलकर मर जाते हैं। इस घटना से ग्रामीण आक्रोशित हो गए और उन्होंने पुलिस और प्रशासन की टीम को खदेड़ दिया। लेखपाल की गाड़ी पलटा दी। भारी बवाल के बाद मुख्यालय से पीएसी की टुकड़ी घटनास्थल पर भेजी गई। वरीय पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे, तब जाकर हालात नियंत्रण में आया। 

इन अफसरों पर एफआईआर दर्ज

पीड़ित परिवार की शिकायत पर इस घटना को लेकर अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जिन अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद, एसएचओ दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह और जेसीबी चालक अशोक सिंह शामिल हैं। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक अज्ञात लोगों के नाम पर भी मामला दर्ज किया गया है। 

विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार 

इस घटना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी बुलडोजर नीति को लेकर एकबार फिर विपक्ष के निशाने पर हैं। घटना से जुड़ा एक दर्दनाक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो के जरिए कांग्रेस और सपा सरकार पर हमला बोल रही है। यूपी कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, योगी की बुलडोजर नीति ने 2 जान ले ली। यूपी के कानपुर में ब्राह्मण परिवार के घर पर योगी सरकार का बुलडोजर चल गया। घर गिराने से क्षुब्ध मां-बेटी ने खुद को आग लगाकर जान दे दी। कितना वीभत्स है ये सब। 


वहीं, समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर कानपुर के कमिश्नर को निशाने पर लिया है। 


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