Kanpur News: आईआईटी कानपुर ने जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन की स्थापना, अनुसंधान में नई क्रांति का आगाज
Kanpur News: आईआईटी कानपुर उत्तर प्रदेश का पहला प्रौद्योगिकी संस्थान बन गया है, जिसने जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन स्थापित किया।;
Kanpur News: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने अपने कंप्यूटर सेंटर में जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन की स्थापना के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह पहल शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए जनगणना डेटा तक अधिक सुलभ पहुंच प्रदान करेगी, जिससे अनुसंधान की नई संभावनाओं को जन्म मिलेगा और डेटा-संचालित नीति निर्माण में योगदान होगा।
इस महत्वपूर्ण समझौते पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल और भारत सरकार की जनगणना संचालन और नागरिक पंजीकरण निदेशक सुश्री शीतल वर्मा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर आईआईटी कानपुर के अन्य प्रमुख अधिकारी भी उपस्थित थे, जिनमें डीन ऑफ डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑटोमेशन प्रो. निशांत नायर, डीन ऑफ रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट प्रो. तरुण गुप्ता, और गणित और सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर शुभ्रा शंकर धर शामिल थे।
आईआईटी कानपुर उत्तर प्रदेश का पहला प्रौद्योगिकी संस्थान बन गया है, जिसने जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन स्थापित किया। इसके साथ ही यह राज्य में तीसरा केंद्रीय विश्वविद्यालय या संस्थान है जो इस तरह की सुविधा प्रदान कर रहा है। पहले से ही बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, और डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय भी इस श्रेणी में शामिल हैं।
इस वर्कस्टेशन के माध्यम से शोधकर्ताओं को 1991 से 2011 तक प्रकाशित जनगणना तालिकाओं और सूक्ष्म-स्तरीय डेटा तक पहुंच प्राप्त होगी। यह भारत की विविध सामाजिक-आर्थिक और जनसांख्यिकीय संरचना का गहन विश्लेषण करने में मदद करेगा। इसके अतिरिक्त, वर्कस्टेशन डेटा-संचालित नीतियों के निर्माण और विकास कार्यक्रमों के मूल्यांकन में भी सहायक होगा।
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा, "हमें इस महत्वपूर्ण पहल के लिए गृह मंत्रालय के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। यह सहयोग हमारे संस्थान के डेटा-संचालित अनुसंधान और नवाचार के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करता है। यह वर्कस्टेशन छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक अमूल्य संसाधन साबित होगा।" इस पहल के साथ, आईआईटी कानपुर ने अपने अनुसंधान और तकनीकी नवाचार के मिशन को और भी मजबूत किया है, जो देश में डेटा-संचालित नीति निर्माण और विकास प्रयासों को आगे बढ़ाने में सहायक होगा।