लखनऊ : यूपी कैडर के रिटायर आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने कासगंज की भड़कती हिंसा के लिए पुलिस/प्रशासन के निष्पक्ष कार्यवाही की कमी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि यदि प्रशासन ने निष्पक्षता से कार्यवाही नहीं की तो यह दंगा नहीं थमेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि योगी सरकार में भी पुलिस के राजनीतिकरण और साम्प्रदायिक दंगों की परम्परा कायम है। पिछली दो सरकारों से पुलिस का सियासीकरण अब तक जारी है।
पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने घटना पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जब पूरे कासगंज कस्बे में धारा 144 लगी थी तो बिना अनुमति के नयी परम्परा क्यों शुरू हुई? एक वर्ग का दूसरे वर्ग के क्षेत्र में झंडा यात्रा व दूसरे वर्ग द्वारा उसे रोका जाना। दूसरे वर्ग की नयी परम्परा... एक चौराहे पर झंडा लगाकर एक कार्यक्रम का आयोजन कर झंडा-यात्रा को रोका गया। पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए गए।
दंगा भड़काने वालों पर हो कार्रवाई, चाहे वह सांसद ही क्यों न हो
उनके मुताबिक यदि प्रशासन ने दोनों पक्ष के दंगाइयों पर निष्पक्षता से कार्यवाही नहीं की तो यह दंगा नहीं थमेगा। ऊपर से सत्तापक्ष के सांसद ने भड़काऊ भाषण देकर आग में घी का काम किया है। 24 घंटे बीतने बाद भी अभी तक दंगे के दोषी चिन्हित नहीं हुए और न ही भड़काने बाले, वह चाहे सांसद ही क्यों न हो, उनके विरुद्ध भी कार्यवाही हो। यदि निष्पक्ष कार्यवाही नहीं की गयी तो दंगा रुक नहीं पाएगा।
यही स्थिति रही तो कासगंज तक सीमित नहीं रहेगा दंगा
उन्होंने राज्य सरकार को चेताते हुए कहा है कि यदि यही स्थिति रही तो दंगा कासगंज तक सीमित नहीं रहेगा। जिस तरह मुजफ्फरनगर दंगे के दोषियों के मुकदमें वापिस हो गएं। उसी तरह कासगंज के दंगाइयों के भी मुकदमें वापस हो जाएंगे। ऐसे में वर्तमान व अखिलेश यादव सरकार में अंतर कहां रह गया।
वोट बैंक की गंदी राजनीति के कारण आगे भी दंगे होंगे
कल भी जनता असुरक्षित थी और आज भी है। वोट बैंक की गंदी राजनीति के कारण जाने कितने दंगे इस प्रदेश में पूर्व सरकारों में हुए और अब आगे भी दंगे होंगे। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि सरकार ने ने 8 माह में तीन DGP बदल दिए, अपराध पर कैसे नियंत्रण होगा ?