Kasganj News: थाने के बाथरूम में युवक ने किया आत्महत्या का प्रयास, गुस्साए परिजनों ने किया पथराव
Kasganj News: कासगंज के अमांपुर थाने में पुलिस अभिरक्षा में युवक ने फांसी का फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की।
Kasganj News: यूपी के जनपद कासगंज की कोतवाली अमांपुर से एक बेहद ही चौकाने वाला मामला सामने आया है। अमांपुर कोतवाली में पुलिस की हिरासत बंद एक युवक ने कोतवाली के टॉयलेट में आत्महत्या करने का प्रयास किया। इस युवक को लड़की भगाने के आरोप में सात दिन पूर्व पुलिस उसके घर से पूछताछ के लिए उठाकर लाई थी। इस घटना के बाद अमांपुर पुलिस की कार्यशैली संदेह के घेरे मैं आ गई है। युवक के रिश्तेदार और परिजनों ने कोतवाली परिसर में हंगामा करना शुरु कर दिया है।
ये है पूरा मामला?
परिजनों का आरोप है कि युवक गौरव निवासी ग्राम सलेहपुर को शनिवार की रात से पुलिस उठाकर लाई है, उस पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। गांव की एक लड़की को भगाने का आरोप लड़की के पिता द्वारा लगाया जा रहा है जो गलत है, लड़की जब से गायब है तभी से लड़की के पिता के साथ गौरव भी लड़की की खोजबीन करा रहा है, ऐसे मैं उस पर निराधार आरोप लगाकर सात दिनों से पुलिस हवालात में बंद किए हैं। आज शुक्रवार को सूचना मिली कि गौरव ने पुलिस थाने के टॉयलेट मैं फांसी लगा ली है, मौके पर पहुंचे सभी लोगों ने देखा है कि उसकी हालत मरणासन्न है, परिजनों का आरोप है कि पुलिस धन के लालच में उसे सात दिनों से लगातार टॉर्चर कर रही है इसी दौरान उसके गंभीर चोट लगी है।
युवक के परिजनों ने कहा पुलिस अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए टॉयलेट में फांसी लगाने की झूठी कहानी रचकर बचना चाह रही है। पुलिस जिस टॉयलेट मैं फांसी लगाने की बात कह रही है वो महिला टॉयलेट है। तो सवाल ये है कि आखिर हिरासत में बंद युवक हवालात से बाहर आकर महिला टॉयलेट कैसे पहुंव गया और उसने वहां किस चीज से फांसी लगा ली, कोई पुलिस कर्मी उसको टॉयलेट लेकर गया या नही? बिना पुलिस की अनुमति के वो टॉयलेट कैसे पहुंच गया और उसने आत्महत्या का प्रयास कर लिया।
गंभीर हालत में युवक गौरव को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। मौके पर मौजूद रिश्तेदार राजू भारतीय ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए है। उनका कहना है कि सात दिन से उसे बिना कोई आपराधिक मुकद्दमे के पुलिस हवालात में क्यों बंद किया है। यदि उस पर कोई मामला था तो उसे जेल क्यों नही भेजा गया, लड़की भगाने के मामले में लड़की के पिता द्वारा उसे झूठा फसाया गया है। पैसे की ताकत से पुलिस द्वारा उसके साथ टॉर्चर किया गया है, आत्महत्या का मामला गलत है। परिजन और रिश्तेदार पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए नारेबाजी कर रहे हैं। मामले में अभी तक पुलिस के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने कोई भी बयान मीडिया से साझा नही किया है।