Kaushambi: जेठ की दुपहरिया में सूरज ने दिखाया अपना रुद्र रूप, माँ झारखंडी देवी मंदिर में पसरा सन्नाटा

Kaushambi: जेठ की दोपहर में भीषण गर्मी की वजह से तालाब सूख चुके हैं और नल से पानी ही कम आ रहा है। वहीं गंगा जमुना के बीच बसा कौशाम्बी जनपद में नदियां भी सूखने लगी है।

Report :  Ansh Mishra
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-05-08 09:00 GMT

 माँ झारखंडी देवी मंदिर (फोटो-सोशल मीडिया)

Kaushambi: जेठ की दुपहरीया में सूरज ने इस कदर अपना रुद्र रूप दिखाना शुरू किया है कि मंदिरों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। श्रद्धालु तपती धूप में मंदिर नहीं पहुंच पा रहे हैं। मई के महीने में भीषण गर्मी की वजह से तालाब और नल सभी हार मान चुके हैं। इस चिलचिलाती गर्मी की वजह से बाजारों में सन्नाटा छाया हुआ है।

जेठ की दोपहर में भीषण गर्मी की वजह से तालाब सूख चुके हैं और नल से पानी ही कम आ रहा है। वहीं गंगा जमुना के बीच बसा कौशाम्बी जनपद में नदियां भी सूखने लगी है। गर्मी के महीने में जो लोग बाहर निकल रहे हैं। वह गन्ने का जूस और बेल का जूस को पसंद कर रहे हैं।

बाजार में भी गर्मी की वजह से सन्नाटा दोपहर में दिखाई दे रहा है। इस भीषण गर्मी की वजह से अनुमान लगाया जा सकता है कि एक-दो दिनों में बारिश लगभग होना तय है। इस गर्मी से परेशान हुए टैक्सी ड्राइवर इस गर्मी की वजह से सवारियां भी रोड में नहीं निकल रही है। और टैक्सी ड्राइवरों को भी दिक्कत आ रही है।

वहीं नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में बसा एक माँ झारखंडी देवी मंदिर(Maa Jharkhandi Devi Temple) में सन्नाटा रहा। जब लोगों से पूछा गया तो लोगो ने बताया कि इस भीषण गर्मी में अब बहुत कम लोग मंदिर में पहुंचते है। केवल मंदिर में माँ की पूजा करने वाली पुजारी माँ मिली और उससे बातचीत की गई। मंदिर के बारे में भी बताया कि मंदिर कब और कैसे निर्माण हुआ और कितने वर्ष पुराना है। और मंदिर की क्या खासियत है।

तो पुजारी माँ ने बताया कि मंदिर में कभी दूर-दूर से पुजारी आते है और माँ से मन्नत मांगते हैं और उनकी मन्नत पूरी होती है माँ के दरबार में बना एक कुंड जलहरि भरी जाती है। सबसे बड़ी खास तो उस कुंड की है जिसमें लोग अगर श्रद्धा से उस कुंड में पानी डालते है तो भर जाता है। अगर अहम से भरते है तो नही भरता है।

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