Keshav Prasad Maurya: ढाई महीने बाद केशव प्रसाद मौर्य नहीं रहेगें किसी भी सदन के सदस्य

Keshav Prasad Maurya News: केशव प्रसाद मौर्य पूरे प्रदेश में ओबीसी धड़े के बड़े नेता माने जाते हैं। यूपी में मौर्य समाज की आबादी करीब 4 फीसदी है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Monika
Update:2022-04-21 08:52 IST

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (फोटो-सोशल मीडिया) 

Keshav Prasad Maurya News: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ढाई महीने बाद किसी भी सदन के सदस्य नहीं रहेगें। वह इस समय उच्च सदन यानी कि विधानपरिषद के सदस्य हैं लेकिन इस साल छह जुलाई को उनके साथ 13 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) शामिल हैं पर इस बार वह गोरखपुर से जीतकर विधानसभा के सदस्य हो गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के अलावा जगजीवन प्रसाद, बलराम यादव, डा कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, रामसुंदर दास निषाद, शतरुद्र प्रकाश, अतर सिंह राव, दिनेश चन्द्रा, सुरेश कुमार कश्यप, दीपक सिंह और भूपेन्द्र सिंह है। लेकिन कार्यकाल खत्म होने के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को फिर से विधानपरिषद में भेजे जाने की पूरी उम्मीद है।

केशव प्रसाद मौर्य पूरे प्रदेश में ओबीसी धड़े के बड़े नेता माने जाते हैं। यूपी में मौर्य समाज की आबादी करीब 4 फीसदी है। 12 जिलों में यह आबादी 12 से 15 फ़ीसदी हो जाती है। यूपी की सिराथू सीट 1993 से 2007 तक बसपा लगातार चार बार जीत चुकी थी। पहली बार 2012 में केशव प्रसाद मौर्य यहां से भाजपा के विधायक बने लेकिन उनके सांसद हो जाने के बाद 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने यहां से शीतला प्रसाद को टिकट दिया तो उन्होंने भी जीत दर्ज की।

भाजपा में पिछड़ी जाति के प्रदेश के सबसे बड़े चेहरे 

वह भाजपा में पिछड़ी जाति के प्रदेश के सबसे बड़े चेहरे हैं। वर्ष 2017 में उनकेे प्रदेश अध्यक्ष रहने के दौरान ही भाजपा ने 300 से ज्यादा सीटें जीती। इसके पूर्व वर्ष 2014 में ही फूलपुर से सांसद का चुनाव केशव ने रिकार्ड मत से जीतकर वहां पहली बार कमल खिलाया था। इस बार भी विधानसभा चुनाव के दौरान डिप्टी सीएम ने प्रदेश के सभी जिलों में ताबड़तोड़ सभाएं कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया। लेकिन जब 2022 में वह अपनी इसी सीट पर फिर से विधानसभा चुनाव में उतरे तो अपनादल (कमेरावादी) की पल्लवी पटेल ने उन्हे हरा दिया।

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