Keshav vs Akhilesh: विधानसभा में केशव-अखिलेश के बीच तीखी बहस, तू-तू, मैं-मैं से बाप तक पहुंची बात

Keshav vs Akhilesh: यूपी विधानसभा की कार्यवाही बुधवार को जब शुरू हुई तो राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के तहत अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला।

Report :  aman
Update:2022-05-25 16:17 IST

विधानसभा में केशव-अखिलेश के बीच तीखी बहस

Keshav vs Akhilesh in UP Assembly: उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को बजट सत्र(Budget Session) के तीसरे दिन की कार्यवाही के दौरान एक समय ऐसा आया जब सत्ता पक्ष की ओर से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच तीखी बहस हो गई। बहस बढ़ता देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हस्तक्षेप करना पड़ा। जिसके बाद सदन की कार्यवाही एक बार फिर सुचारू रूप से चलने लगी।

यूपी विधानसभा (UP Vidhan sabha) की कार्यवाही बुधवार को जब शुरू हुई तो राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के तहत अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने प्रदेश में चल रहे बुलडोजर कार्रवाई, प्रशासन, कानून-व्यवस्था सहित कई अन्य मुद्दों पर योगी सरकार को घेरा। जिसके बाद, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बोलने खड़े हुए।

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केशव मौर्य ने कहा, 'अगर नेता प्रतिपक्ष की सभी बातों का जवाब दूं, तो काफी समय लगेगा। इसलिए चुनिंदा बातों को ही उठाऊंगा। उन्होंने कहा, नेता सदन को इस बात का बहुत दर्द होगा कि 2012 में जब ये सरकार में आए थे, तब मैं भी इस सदन का सदस्य था। मैंने भी इनके काम का गुणगान सुना।

अगर इनके काम ही इतने अच्छे थे तो साल 2014 के लोकसभा चुनाव का परिणाम सामने था। आपने क्या काम किया, उसका जवाब जनता ने दिया। तब समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया। फिर प्रदेश ने 2017 का यूपी विधानसभा चुनाव में आपका परफॉर्मेंस देखा। जिन पांच वर्षों की उपलब्धियों को गिनाते आप थकते नहीं थे, उसका जवाब भी जनता ने दिया।'

नेता प्रतिपक्ष को कौन सा रोग?

केशव मौर्य आगे बोले, मुझे पता नहीं नेता प्रतिपक्ष को कौन सा रोग है? आप जहां से भी चाहें इलाज करा लें। आप अपने कार्यकाल की हर योजना को एक स्टिकर की तरह चस्पा कर अब इस रोग से मुक्त हो जाइये। क्योंकि, आप 5 साल सत्ता से बाहर रहे। पांच साल के लिए फिर बाहर हो गए। देखकर तो लगता है कि अगले 25 साल आपका नंबर लगने वाला नहीं है। तो हड़बड़ी क्यों?

'25 साल तक सत्ता में आने नहीं दूंगा'

केशव मौर्य ने अखिलेश यादव पर तंज भरे लहजे में कहा, 'आपके लाख चाहने के बावजूद मैं और योगी जी इस तरफ बैठे हैं। आप अपना 'घर' अपनी पार्टी संभालिये। कई लोग मेरे संपर्क में हैं। मुझे चिंता है कि कहीं उधर से कुछ लोग यहां न आ जाएं। उन्होंने कहा, आप निश्चिंत रहें अगले 25 साल तक केशव मौर्य आपको सत्ता में आने नहीं देगा।'

आपके जिला मुख्यालय की सड़क किसने बनाई?

केशव के शब्दों पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने पूछा, 'हम सत्ता में आ पाएं या नहीं ये अलग बात है, मगर आप लोक भवन में आ पाएंगे कि नहीं ये बता दें।' इसके बाद सदन में ठहाके गूंज उठे। इसके बाद अखिलेश ने केशव मौर्य से पूछा, 'आप पीडब्लूएडी मिनिस्टर रहे। लेकिन बताएं कि आपके जिला मुख्यालय की सड़क किसने बनाई? ये भी सदन को बताएं।'

'...अपने पिताजी से पैसा लाते हो बनवाने के लिए'

अखिलेश के इतना कहने पर केशव मौर्य ने कहा, 'ऐसा तो नहीं है कि, आपने सैफई की जमीन बेचकर वो सड़कें बनवाई।' इतना सुनते ही अखिलेश यादव खड़े हुए और तमतमाते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से पूछा, कि क्या तुम अपने घर से, अपने पिताजी से पैसा लाते हो बनवाने के लिए।' उसके बाद समाजवादी पार्टी के अन्य विधायक भी अपनी सीट पर खड़े होकर शोर मचाने लगे। जिसके बाद बीजेपी के विधायक भी अपनी जगह पर खड़े होकर विरोध जताया।

सदन को शांत करवाते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा, आप सभी शांत हो जाएं। दोनों पक्ष ने कड़वी बातें की। दोनों ने सुनी। अब शांत हो जाएं ताकि सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा सके।

योगी बोले- 'तू-तू शब्द का प्रयोग हो, ये ठीक नहीं'

जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खड़े हुए और कहा, 'एक सम्मानित नेता के खिलाफ असभ्य शब्दों का प्रयोग हो, तू-तू शब्द का प्रयोग हो, ये ठीक नहीं है। उन्होंने कहा नेता प्रतिपक्ष को इतना उत्तेजित नहीं होना चाहिए। हमारे समय या आपके समय जो विकास कार्य हुए वो हमारा काम था। हर सरकार को अपनी उपलब्धियों को गिनाने का अधिकार है।' उन्होंने सदन को सुचारू रूप से चलने को लेकर अन्य बातें भी कहीं, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई।  

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