KGMU ने शुरू की नेत्रदान को आसान बनाने की नई पहल

शुक्रवार को पूरे हुए इस प्रशिक्षण में केजीएमयू के वीसी प्रो एमएलबी भट्ट ने ट्रेनी पुनीत मिश्रा और करण सिंह को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इस मौके पर केजीएमयू आई बैंक के डायरेक्टर डॉ अरुण शर्मा भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि इस ट्रेनिंग का अगला सेशन जनवरी 2019 में शुरू होगा।

Update: 2018-12-28 15:34 GMT

लखनऊ: देश भर में लाखों लोग कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीड़ित हैं। इनका सही उपचार कॉर्नियल ट्रांसप्लांट से ही सम्भव है। लेकिन टेक्नीशियन और काउंसलर्स की कमी के चलते नेत्रदान अभियान पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहा। इस बात को ध्यान में रखते हुए केजीएमयू आई बैंक ने एक सराहनीय प्रयास किया है।

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केजीएमयू आई बैंक ने इंडोनेशिया आई बैंक के सहयोग से कॉउंसलर्स को दी ट्रेनिंग

केजीएमयू अस्पताल ने एक बार फिर स्वास्थ्य सेवा में अपना अपूर्ण योगदान देकर एक बड़ी उप्लब्धि हासिल की है। अस्पताल के कम्युनिटी आई बैंक ने इंडोनेशिया के लायन आई बैंक के सहयोग से आई डोनेशन काउंसलर और आई रिकवरी टेक्नीशियन को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण दिया। शुक्रवार को पूरे हुए इस प्रशिक्षण में केजीएमयू के वीसी प्रो एमएलबी भट्ट ने ट्रेनी पुनीत मिश्रा और करण सिंह को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इस मौके पर केजीएमयू आई बैंक के डायरेक्टर डॉ अरुण शर्मा भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि इस ट्रेनिंग का अगला सेशन जनवरी 2019 में शुरू होगा।

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डॉ अरुण शर्मा ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में अंधता का चौथा सबसे बड़ा कारण कॉर्नियल ब्लाइंडनेस है। हर साल 3,50,000 बच्चे कॉर्नियल संक्रमण से ग्रसित होते हैं या युवावस्था में कॉर्नियल संक्रमण से ग्रसित हो जाते हैं। इसका एक ही उपचार है कॉर्नियल प्रत्यारोपण। लेकिन हमारे देश में बहुत कम लोग नेत्रदान करते हैं। इसके अलावा नेत्रदान के लिए जिन टेक्नीशियन और काउंसलर्स की ज़रूरत पड़ती है, उनकी संख्या बहुत कम है। इस कारण नेत्रदान की पहल पूरी तरह सफल नहीं हो पा रही।

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इसी बात को ध्यान में रखते हुए केजीएमयू आई बैंक ने इंडोनेशिया के लायन आई बैंक के सहयोग से लोगों को प्रशिक्षित करने की ठानी। आज इस पहल का पहला अध्याय पूरा हुआ है। आगे भी काउंसलर्स और टेक्नीशियन को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि नेत्रदान एक क्रांति बन सके। केजीएमयू की यह पहल स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक सराहनीय प्रयास है।

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