कुंभ 2019 : संगम स्नान से मिलती है सच्ची शांति: द्रौपदी मुर्मू

जिंदगी की भागदौड़ तथा राजनीतिक योजनाओं से थकी हुई, सच्ची शांति तथा जीवन के सही मायने ढूंढते हुए मैं ब्रह्मकुमारी बहनों से मिली। उनके निस्वार्थ प्यार, सहयोगी जीवन से मुझे बहुत कुछ मिला। जिसकी मुझे तलाश थी। त्रिवेणी संगम की महिमा का बखान करते हुए उन्होंने कहा कि यह पवित्र त्रिवेणी का संगम है। यहां लोग दूर-दूर से डुबकी लगाने आते हैं क्योंकि उन्हें निश्चय शांति मिलती है।

Update:2019-02-06 16:13 IST

आशीष पाण्डेय

कुंभ नगर: जिंदगी की भागदौड़ तथा राजनीतिक योजनाओं से थकी हुई, सच्ची शांति तथा जीवन के सही मायने ढूंढते हुए मैं ब्रह्मकुमारी बहनों से मिली। उनके निस्वार्थ प्यार, सहयोगी जीवन से मुझे बहुत कुछ मिला। जिसकी मुझे तलाश थी। त्रिवेणी संगम की महिमा का बखान करते हुए उन्होंने कहा कि यह पवित्र त्रिवेणी का संगम है। यहां लोग दूर-दूर से डुबकी लगाने आते हैं क्योंकि उन्हें निश्चय शांति मिलती है। हमें ऐसा मौका कभी कभार ही मिलता है परंतु यह ब्रह्मकुमारी बहनें रोज ही ज्ञान रूपी गंगा में डुबकी लगाती हैं तो इनका जीवन कितना महान होगा ।सभी भगवान के बच्चे हैं परंतु फिर भी दुखी हैं ढूंढने हैं।

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यह बातें मंगलवार की देर शाम बतौर मुख्य अतिथि मीडिया सेंटर में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि झारखण्ड की राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कुंभ की दिव्यता और भव्यता आज सम्पूर्ण विश्व में गूंज रही है। जिसके चलते न केवल देश बल्कि दुनिया भर से लोग यहां आत्मिक चिंतन व संगम स्नान को पहुंच रहे हैं।

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कार्यक्रम का शुभारम्भ झारखण्ड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, बी.के. मनोरमा, एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मयंक त्रिपाठी ने द्वीप प्रज्ज्वलन कर किया।

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बतौर मुख्य वक्ता जयपुर से आई ब्रम्हकुमारी सुषमा ने कहा कि शक्तिमान परमात्मा उसको कहते हैं जो सारे विश्व के अनुकूल हो। उनका सीधा सिद्धांत है जैसा कर्म करोगे वैसा फल पाओगे। यह सारे विश्व पर लागू होता है। कोई भी गलत कर्म करके अच्छा फल प्राप्त नहीं कर सकता। इसलिए आज जरूरत है कि इस पुनीत त्रिवेणी संगम तट पर हम आत्मचिंतन करें कि क्या हम वही कर रहे हैं जो हमें करना चाहिए। न्याय का सिद्धांत है आप अपने लिए जैसा चाहते हैं अन्य लोगों के प्रति भी वैसी ही भावना रखें और वैसा ही करें।

मलेशिया के क्वालालम्पुर से पधारी विश्व महिला अध्यक्ष सरस्वती देवी ने कहा कि मैंने अपने जीवन में आपराधिक मामलों पर ही ज्यादा समय बिताया है। मेरा मानना है कि एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य का जीवन लेने का कोई अधिकार नहीं। उन्होंने कहा कि मैं सत्य को ढूंढते हुए प्रयाग कुंभ में पहुंची। इसके लिए धन्यवाद जिन्होंने विश्व के न्याय दाता सत्यम शिवम सुंदरम भगवान से मिलाया। लखनऊ से पधारी बी.के. राधा ने सभी को राजयोग का अभ्यास कराते हुए आध्यात्मिक शांति एवं परमात्मा प्रेम का अनुभव कराया।

विश्व में आध्यत्म के सबसे बड़े संगम दिव्य कुंभ में न्यायविदों के लिए अयोजित संगोष्ठी का आयोजन ब्रम्हकुमारीज के द्वारा किया गया था। बुधवार को सभी ने त्रिवेणी संगम स्नान के बाद अक्षयवट एवं सरस्वती कूप दर्शन किया।

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